छत्तीसगढ़ के बीजापुर में बड़ा नक्सल विरोधी अभियान: कर्रेगुट्टा पहाड़ पर सुरक्षा बलों का स्पेशल ऑपरेशन, 22 नक्सली ढेर

बीजापुर (छत्तीसगढ़)। राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर में सुरक्षा बलों ने एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए स्पेशल ऑपरेशन में 22 हार्डकोर नक्सलियों को ढेर कर दिया गया। यह कार्रवाई नक्सल प्रभावित इलाकों में हाल के वर्षों की सबसे बड़ी नक्सल विरोधी कार्रवाइयों में से एक मानी जा रही है।

ऑपरेशन की योजना और सफलता

सुरक्षा बलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर बड़ी संख्या में माओवादी कमांडर और उनके हथियारबंद साथी एक बैठक कर रहे हैं। इसके आधार पर CRPF, DRG और STF की संयुक्त टीमों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया। रविवार सुबह शुरू हुए इस ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी, जिसका मुंहतोड़ जवाब दिया गया।

करीब चार घंटे चली इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने 22 नक्सलियों को मार गिराया, जिनमें कई पर लाखों के इनाम घोषित थे। घटनास्थल से भारी मात्रा में आधुनिक हथियार, गोला-बारूद, वायरलेस सेट और दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।

बीजापुर में नक्सली नेटवर्क को तगड़ा झटका

इस ऑपरेशन के बाद बीजापुर और आसपास के क्षेत्रों में सक्रिय नक्सली नेटवर्क को बड़ा झटका माना जा रहा है। सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि मारे गए नक्सलियों में कई महत्वपूर्ण कैडर और स्थानीय कमांडर शामिल हैं, जो कई वर्षों से सुरक्षा बलों की हिट लिस्ट में थे।

मुख्यमंत्री और गृहमंत्री की प्रतिक्रिया

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने ऑपरेशन को लेकर सुरक्षा बलों को बधाई दी और इसे शांति स्थापना की दिशा में बड़ा कदम बताया। उन्होंने कहा, “बीजापुर जैसी संवेदनशील जगहों पर इस तरह की कामयाबी से नक्सलियों के हौसले पस्त होंगे और जनता में विश्वास मजबूत होगा।”

राज्य के गृह मंत्री ने भी स्पष्ट किया कि सरकार की “नक्सलवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस” की नीति आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में और आक्रामक अभियान चलाए जाएंगे।

स्थानीय लोगों में राहत की भावना

इस कार्रवाई के बाद बीजापुर और आस-पास के गांवों में राहत और विश्वास का माहौल देखा जा रहा है। कई ग्रामीणों ने बताया कि लंबे समय से नक्सली गतिविधियों के कारण वे असुरक्षित महसूस कर रहे थे, लेकिन इस ऑपरेशन के बाद उन्हें सुरक्षा बलों पर विश्वास और शांति की उम्मीद जगी है।




निष्कर्ष: कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर हुआ यह स्पेशल ऑपरेशन न केवल सुरक्षा बलों की एक बड़ी रणनीतिक जीत है, बल्कि यह दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ सरकार और सुरक्षाबल नक्सलवाद के खात्मे के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। इस अभियान से यह भी स्पष्ट हो गया है कि नक्सलियों को अब कोई भी क्षेत्र सुरक्षित शरणस्थली नहीं रह गया है।

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