नई दिल्ली। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किए गए ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान को जमीनी स्तर पर मजबूती देने के उद्देश्य से एसओएस चिल्ड्रन्स विलेजेज़ इंडिया ने देशभर में अपने विभिन्न विलेज स्थानों पर व्यापक जागरूकता अभियान संचालित किया। इस राष्ट्रव्यापी पहल का मुख्य उद्देश्य समुदायों में बाल विवाह की रोकथाम, बच्चों के कानूनी अधिकारों और उनके समग्र विकास के महत्व को रेखांकित करना रहा।
अभियान के दौरान समुदाय के सदस्यों, अभिभावकों और बच्चों को विवाह की कानूनी न्यूनतम आयु के बारे में जागरूक किया गया—लड़कियों के लिए 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष। सत्रों में यह स्पष्ट किया गया कि उचित आयु में विवाह से बच्चों का शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य बेहतर रहता है, वे शिक्षा पूरी कर पाते हैं, अपना बचपन सुरक्षित रूप से जीते हैं और आत्मनिर्भर व आत्मविश्वासी नागरिक बनते हैं। कार्यक्रमों के अंत में प्रतिभागियों ने बाल विवाह रोकने की शपथ भी ली। ये सभी सत्र फैमिली स्ट्रेंथनिंग प्रोग्राम, फैमिली लाइक केयर प्रोग्राम और किनशिप केयर प्रोग्राम के संयुक्त प्रयास से आयोजित किए गए।
एसओएस चिल्ड्रन्स विलेजेज़ इंडिया के सीईओ सुमंत कर ने कहा कि बाल विवाह को समाप्त करने में शिक्षा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। अभिभावकों, समुदाय और सभी हितधारकों को मिलकर बच्चों के अधिकारों की रक्षा करनी होगी और बाल विवाह के किसी भी मामले की सूचना संबंधित अधिकारियों को देनी चाहिए।
अभियान के तहत गुवाहाटी में 150 से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी रही, जो सर्वाधिक थी। अलीबाग में 52 महिलाओं ने जागरूकता गतिविधियों में हिस्सा लिया, वाराणसी में 45 प्रतिभागियों के साथ क्षमता निर्माण कार्यक्रम हुआ। भोपाल में 60 लड़कियों की सहभागिता के साथ पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में संवाद व एकांकी नाटक हुआ। फरीदाबाद (ग्रीनफील्ड्स) में 28 बच्चों ने सक्रिय भागीदारी की, जबकि बवाना में नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से सामुदायिक संवाद को मजबूत किया गया। विशाखापत्तनम में जिला बाल संरक्षण अधिकारी की उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित हुआ।
यह अभियान बाल विवाह के खिलाफ सामूहिक जिम्मेदारी और सशक्त समुदाय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।
बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता फैलाकर बाल विवाह मुक्त भारत अभियान को सशक्त बनाता है एसओएस चिल्ड्रन्स विलेजेज़ इंडिया
