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रूस ने दी भारत को Su-57E के 5th-Gen Izdeliye-177S इंजन की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की मंजूरी

AMCA और Super-Sukhoi के लिए बनेगा गेम-चेंजर, HAL भारत में करेगा निर्माण

नई दिल्ली । भारत की रक्षा शक्ति को नए युग की ओर ले जाने वाली बड़ी खबर सामने आई है। रूस ने भारत को अपने सबसे एडवांस्ड Su-57E फिफ्थ-जनरेशन फाइटर जेट में इस्तेमाल होने वाले Izdeliye-177S इंजन की टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (ToT) की आधिकारिक मंजूरी दे दी है। इस समझौते के बाद HAL (हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड) अब भारत में ही इस इंजन का निर्माण कर सकेगा। माना जा रहा है कि यह तकनीक भारत के AMCA प्रोजेक्ट और Super-Sukhoi अपग्रेड प्रोग्राम दोनों के लिए क्रांतिकारी बदलाव लाएगी।

भारत 5th-Gen फाइटर इंजन क्लब में शामिल होने की तैयारी

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार Izdeliye-177S इंजन का ट्रांसफर केवल सैन्य सहयोग नहीं, बल्कि भारत की दीर्घकालीन रणनीतिक आत्मनिर्भरता की दिशा में मील का पत्थर है।
यह इंजन सुपरक्रूज़ क्षमता, लो-थर्मल सिग्नेचर, और हाई-थ्रस्ट वेक्टरिंग जैसे फीचर्स से लैस है, जो किसी भी 5th-Gen फाइटर जेट की मूल पहचान माने जाते हैं। इसके मिलने से भारत अब उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो सकता है, जो फिफ्थ-जनरेशन लड़ाकू इंजन को अपने देश में विकसित या निर्मित करते हैं।

AMCA और Super-Sukhoi प्रोजेक्ट को मिलेगा बड़ा बूस्ट

AMCA मार्क-1 के लिए अभी भारत को विदेशी इंजन तकनीक पर निर्भर रहना पड़ता है, लेकिन Su-57E इंजन मिलने के बाद इसकी क्षमताएं नाटकीय रूप से बढ़ सकती हैं।
IAF के मौजूदा Su-30MKI फ्लीट के लिए प्रस्तावित “Super-Sukhoi” अपग्रेड में भी यह इंजन एक प्रमुख विकल्प बन सकता है। इससे फ्लीट की मारक क्षमता, रेंज और सर्वाइवलिटी कई गुना बढ़ने की संभावना है।

डिफेंस सेक्टर में भारत की मजबूती का संकेत

रूस द्वारा यह हाई-क्लास मिलिट्री इंजन टेक्नोलॉजी ट्रांसफर देना यह भी दिखाता है कि भारत-रूस रक्षा साझेदारी पहले की तरह गहरी और भरोसेमंद बनी हुई है। साथ ही यह सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ और मेक इन इंडिया–डिफेंस पहल के लिए बड़ी उपलब्धि साबित होगी।

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