मध्यप्रदेश में शिक्षक अवकाश नीति को लेकर उठ रहे सवाल — क्या शिक्षक संवर्ग को मिल रहा है समान अधिकार?
मध्यप्रदेश में शिक्षक संवर्ग को भी मिले सप्ताह में पाँच दिवसीय कार्य प्रणाली, शिक्षकों की छुट्टियों को लेकर फैली भ्रांति पर विराम जरूरी
मध्यप्रदेश में शासकीय कर्मचारियों के लिए पाँच दिवसीय कार्य प्रणाली वर्ष 2021 से लागू की जा चुकी है, जिसके तहत कार्यालयीन कर्मचारियों को प्रत्येक शनिवार और रविवार का अवकाश मिलता है। इस नीति से कर्मचारियों को वर्ष भर में 54 शनिवारों का लाभ होता है। लेकिन इसी राज्य में शिक्षक संवर्ग के साथ एक अलग और भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है।
शिक्षकों की छुट्टियों को लेकर आम धारणा बन चुकी है भ्रमित करने वाली
अक्सर यह कहा जाता है कि मध्यप्रदेश के शिक्षकों को अधिक अवकाश मिलते हैं, लेकिन यह केवल एक भ्रम है। सच्चाई यह है कि वर्ष 2008 से शिक्षकों और कक्षा शिक्षण से जुड़े अन्य संवर्गों के वार्षिक अर्जित अवकाश (Earned Leave) को बंद कर दिया गया है। अब शिक्षक वर्ग केवल तभी अर्जित अवकाश प्राप्त कर सकता है, जब वे विभागीय प्रमुख या कलेक्टर के निर्देश पर अवकाश अवधि में कार्य करते हैं।
शिक्षकों को कितने दिन का अवकाश मिलता है? जानिए असली आंकड़े
वर्ष 2025-26 की अवकाश तालिका के अनुसार मध्यप्रदेश के शिक्षकों को कुल 45 दिन का अवकाश दिया जा रहा है, जिसमें ग्रीष्मकालीन 31 दिन, दशहरा 3 दिन, दीपावली 6 दिन और शीतकालीन अवकाश 5 दिन शामिल हैं। इसके अलावा आकस्मिक, ऐच्छिक, लघुकृत, राजपत्रित और स्थानीय अवकाश दोनों संवर्गों को समान रूप से मिलते हैं।
शासकीय कर्मचारियों को मिलते हैं अधिक लाभ
दूसरी ओर, गैर-शैक्षणिक कार्यालयीन कर्मचारी चूंकि विश्राम अवकाश संवर्ग में आते हैं, उन्हें न केवल पाँच दिवसीय कार्य प्रणाली का लाभ मिलता है, बल्कि 30 दिन का अर्जित अवकाश भी प्रदान किया जाता है, जो न केवल अवकाश लेखा में दर्ज होता है, बल्कि सेवानिवृत्ति पर इसका नकदीकरण (कैश पेमेंट) भी होता है। यही वह बिंदु है जहाँ शिक्षक संवर्ग के साथ भेदभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
शिक्षक संगठन और शिक्षाविद सरकार से कर रहे हैं अपील
अब समय आ गया है कि मध्यप्रदेश सरकार शिक्षकों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी अर्जित अवकाश व्यवस्था को पुनः बहाल करे। साथ ही शिक्षकों को भी सप्ताह में पाँच दिवसीय कार्य प्रणाली का लाभ दिया जाए, ताकि शैक्षणिक संवर्ग के साथ हो रहा यह दीर्घकालिक भेदभाव समाप्त किया जा सके।




