
भोपाल । जल गंगा संवर्धन अभियान के तहत भोपाल जिले के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण की दिशा में तेज़ी से काम हो रहा है। इस अभियान में जनभागीदारी की अहम भूमिका देखने को मिल रही है, जिससे जल संसाधनों का पुनर्जीवन संभव हो पा रहा है।
पोखरों का गहरीकरण और कुओं की सफाई से जल संरक्षण को बढ़ावा
गुरुवार को जनपद बैरसिया के बरखेड़ी हज्जाम, बीनापुर अगरिया, खजूरी, बोरदा, मुबारकपुर, कालापानी और सुरैया नगर ग्राम पंचायतों में श्रमदान के माध्यम से पोखरों का गहरीकरण और कुओं की सफाई की गई। इससे जलस्तर में सुधार होने के साथ-साथ गांवों में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी और जल संकट को कम करने में मदद मिलेगी।
107 खेत तालाबों के निर्माण का लक्ष्य
भोपाल जिले में जनपद पंचायत बैरसिया और फंदा में 107 खेत तालाबों के निर्माण की योजना बनाई गई है। इससे किसानों को खेती के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध होगा और भूजल स्तर में सुधार होगा।
अमृत सरोवर योजना (फेस 2.0) के तहत तालाबों का चयन
अमृत सरोवर योजना फेस 2.0 के तहत दामखेड़ा, उनींदा, परसोरा, पसैया (सेमरा), गढ़ाखुर्द और रमाहा ग्राम पंचायतों में अमृत सरोवर तालाबों का चयन किया गया है। यह योजना ग्रामीण जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने और स्थायी जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए चलाई जा रही है।
मनरेगा से जल संरक्षण को गति, 837 कार्य पूरे करने का लक्ष्य
मनरेगा योजना के तहत जल संरक्षण कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है। इस समय 1905 जल संरक्षण परियोजनाएं प्रगति पर हैं, जिनमें से 837 कार्यों को जल्द पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही, कपिलधारा कूप निर्माण भी सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जल उपलब्धता को स्थायी रूप से बढ़ाया जा सके।
ऐतिहासिक और धार्मिक जल स्रोतों का संरक्षण जारी
भोपाल जिले में ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के जल स्रोतों की सफाई और जीर्णोद्धार का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है। इससे न सिर्फ जल संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि समाज में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता भी फैलेगी।
निष्कर्ष: जल संरक्षण में जनभागीदारी की अहम भूमिका
जल गंगा संवर्धन अभियान को जनसहयोग के माध्यम से मजबूती मिल रही है। पोखरों और तालाबों का पुनरुद्धार, कुओं की सफाई, खेत तालाबों का निर्माण और अमृत सरोवर योजना जैसे प्रयासों से जल संसाधनों का दीर्घकालिक संरक्षण संभव होगा। सरकार और जनता के सहयोग से यह अभियान जल संकट को कम करने और भविष्य के लिए जल भंडारण को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रहा है।




