मध्य प्रदेश सरकार पर दोहरे मापदंड का आरोप, न्यायिक अधिकारियों को मिला 3% महंगाई भत्ता, बाकी कर्मचारी नाराज़

मध्य प्रदेश में एक बार फिर कर्मचारियों के बीच असंतोष की लहर दौड़ गई है। राज्य सरकार ने न्यायिक सेवा के अधिकारियों को 3 प्रतिशत महंगाई भत्ते (DA) का लाभ देने का आदेश जारी कर दिया है, जबकि प्रदेश के साढ़े 7 लाख नियमित और 42,000 स्थाई कर्मचारियों को अब तक इस लाभ से वंचित रखा गया है। इस फैसले को लेकर मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने सरकार पर “दोहरे मापदंड” अपनाने का आरोप लगाया है।
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने विधि विभाग के न्यायिक अधिकारियों को 1 जुलाई 2025 से तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता नगद एरियर सहित देने के आदेश जारी किए हैं। वहीं, राज्य के शेष कर्मचारियों और स्थाई कर्मियों को इसी अवधि का महंगाई भत्ता अभी तक नहीं मिला है। पेंशनरों को पहले ही यह लाभ दिया जा चुका है, जिससे कर्मचारियों में असमानता और असंतोष की भावना बढ़ती जा रही है।

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर सरकार से मांग की है कि सभी कर्मचारियों को भी 1 जुलाई 2025 से तीन प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ नगद एरियर सहित दिया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार न्यायिक और वित्तीय सेवाओं के अधिकारियों को लाभ देने में प्राथमिकता दिखा रही है, लेकिन अन्य विभागों के कर्मचारियों की उपेक्षा कर रही है।

कर्मचारी मंच ने चेतावनी दी है कि यदि दीपावली के बाद भी आदेश जारी नहीं किए गए, तो राज्य कर्मचारी 1 नवंबर को मध्य प्रदेश स्थापना दिवस नहीं मनाएंगे और मुख्यमंत्री को लाल पोस्टकार्ड अभियान के माध्यम से अपनी मांग भेजेंगे। मंच का कहना है कि सरकार कर्मचारियों की रीढ़ है, और उनसे दोहरे मापदंड अपनाना बंद किया जाए, अन्यथा कर्मचारी सड़क पर उतरकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।

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