वीरता के प्रतीक – निरीक्षक (हॉक फोर्स) आशीष शर्मा को विनम्र श्रद्धांजलि

भोपाल । मध्यप्रदेश पुलिस हॉक फोर्स के बहादुर निरीक्षक श्री आशीष शर्मा आज छत्तीसगढ़ के बोरतलाव–कुर्रेझर के घने जंगलों में नक्सल-विरोधी अभियान के दौरान मुठभेड़ में वीरगति को प्राप्त हुए। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र पुलिस की संयुक्त टीम के इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन में उन्होंने अदम्य साहस, उत्कृष्ट नेतृत्व और सर्वोच्च कर्तव्यनिष्ठा का परिचय दिया। उनका बलिदान न केवल पुलिस बल की गौरवशाली परंपरा को नई शक्ति देता है, बल्कि सेवा, समर्पण और त्याग के शाश्वत मूल्यों को भी उजागर करता है।

जीवन परिचय एवं सेवाएँ

ग्राम बोहानी (जिला नरसिंहपुर) में 21 फरवरी 1994 को जन्मे आशीष शर्मा ने बी.एस.सी. के बाद 4 अप्रैल 2016 को मध्यप्रदेश पुलिस सेवा में प्रवेश किया। उनकी मूल इकाई 25वीं वाहिनी विसबल, भोपाल रही। वर्ष 2018 में प्रतिनियुक्ति पर वे हॉक फोर्स में शामिल हुए और तभी से लगातार नक्सल विरोधी अभियानों की अग्रिम पंक्ति में सक्रिय रहे।

हर्राटोला मुठभेड़ में उनके उल्लेखनीय योगदान के आधार पर उन्हें उप निरीक्षक से निरीक्षक पद पर क्रम पूर्व पदोन्नति प्रदान की गई। कदला, हर्राटोला और रौंदा (19 फरवरी 2025) जैसे महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में उनकी प्रमुख भूमिका रही।

सम्मान एवं उपलब्धियाँ

कर्तव्य-पालन के दौरान अद्वितीय बहादुरी के लिए उन्हें दो बार वीरता पदक, साथ ही दुर्गम सेवा पदक और आंतरिक सेवा पदक से सम्मानित किया गया। उनके नेतृत्व, त्वरित निर्णय क्षमता और जोखिम उठाने के संकल्प ने उन्हें पुलिस बल की सक्रिय इकाइयों में विशेष पहचान दिलाई। अपने अनुशासन, संवेदनशीलता और टीम भावना के कारण वे जवानों में अत्यंत सम्मानित थे।

अमर बलिदान को नमन

नक्सल उन्मूलन के राष्ट्रीय प्रयासों में निरीक्षक आशीष शर्मा का सर्वोच्च बलिदान सदैव अमर रहेगा। मध्यप्रदेश पुलिस परिवार उनके पिता श्री देवेंद्र शर्मा तथा समस्त परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करता है।

माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव तथा पुलिस महानिदेशक श्री कैलाश मकवाणा ने भी उनके महान बलिदान को नमन करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।

स्व. निरीक्षक आशीष शर्मा का समर्पण, साहस और कर्तव्यनिष्ठा आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।

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