
नर्सिंग काउंसिल को 15 दिसंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश, वेबसाइट बंद होने पर जताई नाराजगी
भोपाल।।मध्यप्रदेश में एमएससी नर्सिंग प्रवेश प्रक्रिया को लेकर उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया है। नर्सिंग काउंसिल की लापरवाही और प्रवेश प्रक्रिया में हो रही अनियमितताओं को गंभीर मानते हुए हाईकोर्ट ने मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल को 15 दिसंबर 2025 को व्यक्तिगत रूप से न्यायालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं।
इस मामले में एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार सहित अन्य याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने न्यायालय के समक्ष मजबूती से पक्ष रखते हुए एमएससी नर्सिंग प्रवेश में हो रही विसंगतियों और हजारों सीटें खाली रहने के बावजूद काउंसलिंग न होने का मुद्दा उठाया।
वेबसाइट बंद, छात्रों को भारी परेशानी
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने यह महत्वपूर्ण तथ्य रेखांकित किया कि पोस्ट बीएससी और एमएससी नर्सिंग की काउंसलिंग समय-सारणी जारी होने के बावजूद परिषद की वेबसाइट पूरी तरह गैर-कार्यशील है। इससे पात्र अभ्यर्थी आवेदन और प्रक्रिया पूरी नहीं कर पा रहे हैं, जो गंभीर प्रशासनिक चूक है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी पर सवाल
अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय ने बताया कि दिसंबर 2025 में नर्सिंग काउंसिल द्वारा भारतीय नर्सिंग परिषद (INC) को भेजे गए पत्र में उल्लेख है कि सुप्रीम कोर्ट ने 03 दिसंबर 2025 को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित उम्मीदवारों के प्रवेश में कोई बाधा न डाली जाए। इसके तहत नर्सिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई गई है।
इस पर हाईकोर्ट ने अहम प्रश्न उठाया कि जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू है, तो एमएससी नर्सिंग को इससे अलग क्यों रखा गया। न्यायालय ने इस संबंध में भारतीय नर्सिंग परिषद से स्पष्ट जवाब मांगा है और 08 दिसंबर 2025 के पत्र को भी रिकॉर्ड में लिया है।
15 दिसंबर को व्यक्तिगत उपस्थिति के निर्देश
हाईकोर्ट ने निर्देश दिए कि भोपाल स्थित मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउंसिल के अधिवक्ता अभिजीत अवस्थी 15 दिसंबर 2025 को अनिवार्य रूप से व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्ट करें कि एमएससी नर्सिंग में प्रवेश की समय-सीमा बढ़ाने को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं।
हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर – रवि परमार
याचिकाकर्ता रवि परमार ने कहा कि एमएससी नर्सिंग जैसे महत्वपूर्ण पाठ्यक्रम में पारदर्शिता और समानता बेहद जरूरी है। वेबसाइट बंद रहने और अस्पष्ट निर्णयों के कारण हजारों सीटें खाली हैं और हजारों छात्रों का भविष्य प्रभावित हो रहा है। उन्होंने मांग की कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुरूप एमएससी नर्सिंग में भी प्रवेश की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाई जाए और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाए।


