प्रमुख अभियंता के आदेश के बाद भी अमीन को नहीं दी जा रही जॉइनिंग, कर्मचारी मंच ने की कार्रवाई की मांग

भोपाल। जल संसाधन विभाग, मध्यप्रदेश में नियमों और न्यायालयीन आदेशों की अवहेलना का एक गंभीर मामला सामने आया है। सिवनी स्थित वैन गंगा कछार जल संसाधन विभाग के अंतर्गत पदस्थ अमीन उमेश शर्मा को लेकर जारी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्य अभियंता वैन गंगा कछार सिवनी द्वारा 13 जून 2025 को उमेश शर्मा अमीन का स्थानांतरण अपर वैन गंगा बांध उप संभाग क्रमांक-3, भीमगढ़ से बरघाट उप संभाग के लिए किया गया था। इस स्थानांतरण को अमीन द्वारा नियमविरुद्ध बताते हुए चुनौती दी गई, जिस पर माननीय उच्च न्यायालय, जबलपुर ने 15 अक्टूबर 2025 को स्थानांतरण आदेश पर स्थगन देते हुए यथावत पदस्थ रखने के निर्देश दिए।
इसके पश्चात प्रमुख अभियंता, जल संसाधन विभाग, भोपाल ने भी आदेश क्रमांक 33251133/2025 दिनांक 20 नवंबर 2025 के माध्यम से उक्त स्थानांतरण आदेश को निरस्त करते हुए उमेश शर्मा को पुनः अपर वैन गंगा बांध उप संभाग क्रमांक-3, भीमगढ़ में यथावत पदस्थ कर दिया।
हालांकि, अमीन उमेश शर्मा द्वारा विधिवत कार्यालय में उपस्थित दर्ज कराने के बावजूद संबंधित कार्यपालन यंत्री द्वारा उन्हें कार्यालय में उपस्थित नहीं कराया जा रहा है, जिससे विभागीय आदेशों और न्यायालयीन निर्देशों की खुली अवहेलना हो रही है।
इस पूरे मामले को लेकर मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांतीय अध्यक्ष अशोक पांडे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि तिलवारा बाई तट नहर संभाग, केवलारी में प्रभारी कार्यपालन यंत्री के रूप में पदस्थ प्रेम नारायण नाग ने न्यायालय के निर्णय की जानकारी मिलने पर माननीय उच्च न्यायालय की कार्यप्रणाली को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, जो न्यायपालिका की अवमानना के अंतर्गत आती हैं।
कर्मचारी मंच का आरोप है कि संबंधित अधिकारी पूर्व में भी भ्रष्टाचार के मामलों में दंडित रह चुके हैं तथा उनकी वेतनवृद्धि रोकी जा चुकी है। ऐसे अनुभवहीन अधिकारी को कार्यपालन यंत्री का प्रभार देना विभागीय दृष्टि से गलत निर्णय बताया गया है।
मंच ने जल संसाधन मंत्री को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध जांच एवं निलंबन की मांग की है। साथ ही, माननीय उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका भी प्रस्तुत कर दी गई है। मंच ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र विभागीय कार्रवाई नहीं हुई तो जल संसाधन विभाग मुख्यालय पर आंदोलन एवं प्रदर्शन किया जाएगा।



