भोपाल, मध्यप्रदेश । राज्य शासन में पदस्थ वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विवेक पोरवाल को साइबर ठगों ने ठगी के जाल में फंसाने की कोशिश की। यह मामला न केवल गंभीर है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि अब साइबर ठगी के शिकार आम लोग ही नहीं, बल्कि उच्च पदस्थ अधिकारी भी हो सकते हैं।
दिल्ली क्राइम ब्रांच का फर्जी अधिकारी बनकर किया संपर्क
जानकारी के अनुसार, एक साइबर अपराधी ने खुद को दिल्ली क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए आईएएस विवेक पोरवाल से संपर्क किया। ठग ने दावा किया कि उनका क्रेडिट कार्ड साइबर अपराध में इस्तेमाल हुआ है और उन्हें तत्काल “जांच में सहयोग” करना होगा। इसके लिए उन्हें अपनी बैंक डिटेल्स भेजने के लिए मजबूर किया गया।
आईएएस अधिकारी ने बढ़ाई सतर्कता, समय रहते बचा ठगी से
साइबर ठग के दबाव में आकर अधिकारी ने प्रारंभ में व्हाट्सएप पर अपनी बैंक डिटेल्स साझा कर दी थीं। हालांकि, थोड़ी ही देर में विवेक पोरवाल को इस पूरे मामले पर संदेह हुआ, जिसके बाद उन्होंने तुरंत वह जानकारी डिलीट कर दी और किसी भी प्रकार की राशि ट्रांसफर नहीं की।
प्रशासनिक अधिकारी भी नहीं सुरक्षित, बढ़ रही है साइबर ठगी
यह घटना दर्शाती है कि आज के दौर में साइबर फ्रॉड इतना शातिर हो गया है कि सरकारी अधिकारी, आईएएस, राजनीतिक नेता, यहां तक कि बैंकिंग जानकार लोग भी इसका शिकार बन सकते हैं। इस तरह के मामलों में फर्जी पहचान और डर का माहौल बनाकर जानकारी प्राप्त करना आम हो गया है।
साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानी आवश्यक
विशेषज्ञों की मानें तो ऐसे मामलों में किसी भी अनजान कॉल, ईमेल या व्हाट्सएप मैसेज पर बैंक या निजी जानकारी साझा न करें। अगर कोई स्वयं को क्राइम ब्रांच, सीबीआई या अन्य एजेंसी का अधिकारी बताकर पूछताछ करे, तो पहले उसकी पुष्टि करें और जरूरत हो तो स्थानीय साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं।
भोपाल ब्रेकिंग: आईएएस अधिकारी विवेक पोरवाल को साइबर ठगों ने बनाया निशाना, दिल्ली क्राइम ब्रांच का अफसर बनकर की ठगी की कोशिश
