
भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता राहुल राज ने राजधानी में आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को भाजपा सरकार का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया। उन्होंने कहा कि यह योजना किसानों की सुरक्षा कवच बनने के बजाय बीमा कंपनियों और कॉर्पोरेट घरानों की जेब भरने का साधन बन गई है। किसानों की मेहनत, खून-पसीने की कमाई और सरकार की भारी सब्सिडी लूट ली गई, जबकि किसानों को मुआवज़े के नाम पर ₹50, ₹150 या ₹1500 जैसी मज़ाकिया रकम दी जा रही है।
कांग्रेस ने दिए चौंकाने वाले आंकड़े
राहुल राज ने बताया कि वर्ष 2024 में किसानों से ₹2743 करोड़ प्रीमियम वसूला गया, जबकि 100% क्षतिपूर्ति राशि ₹36,803 करोड़ बनती थी। इसके बावजूद किसानों को एक रुपया भी नहीं मिला।
वर्ष 2023: ₹2751 करोड़ प्रीमियम, लेकिन किसानों को सिर्फ ₹775 करोड़।
वर्ष 2022: ₹3827 करोड़ प्रीमियम, लेकिन केवल ₹1042 करोड़ लौटाए गए।
वर्ष 2021: ₹6700 करोड़ प्रीमियम, लेकिन मात्र ₹2801 करोड़ दिए गए।
ये सभी आँकड़े फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट से लिए गए हैं।
किसानों से धोखाधड़ी का आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि गिरदावरी और अनवरी के नाम पर पटवारी से लेकर कलेक्टर तक फर्जी रिपोर्ट तैयार करते हैं। हल्के का औसत लेकर नुकसान को कम दिखाया जाता है। गाइडलाइन के बावजूद 25% अग्रिम राशि किसानों को कभी नहीं दी जाती और भुगतान 1–2 साल तक लटकाया जाता है। अब तो सैटेलाइट सर्वे का बहाना बनाकर नुकसान को शून्य दिखा दिया जाता है।
हालिया उदाहरण: खरीफ 2024
साइखेड़ा (रायसेन): ₹21 लाख प्रीमियम, क्षतिपूर्ति ₹2.71 करोड़ बनती थी, लेकिन किसानों को ₹0 मिला।
चंदन पिपरिया (रायसेन): ₹3.96 लाख प्रीमियम, क्षतिपूर्ति ₹99 लाख बननी चाहिए थी, लेकिन मिला ₹0।
घोसू ताल (विदिशा): ₹12.62 लाख प्रीमियम, क्षतिपूर्ति ₹78.58 लाख बनती थी, लेकिन मिला ₹0।
फराड़ (शाजापुर): ₹3.32 लाख प्रीमियम, क्षतिपूर्ति ₹3.66 करोड़ बननी चाहिए थी, लेकिन मिला ₹0।
कांग्रेस की माँग और संदेश
कांग्रेस ने माँग की है कि फसल बीमा घोटाले की उच्च स्तरीय न्यायिक जाँच हो, किसानों को वास्तविक मुआवज़ा दिया जाए, और योजना को पारदर्शी बनाया जाए। राहुल राज ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ किसानों की नहीं, बल्कि पूरे देश की है। भाजपा सरकार किसानों को बदहाल और कंपनियों को मालामाल बना रही है।