पटना में सम्राट अशोक की 2359वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई, दी बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया ने किया आयोजन

पटना, बिहार । महान सम्राट अशोक की 2359वीं जयंती के अवसर पर दी बुद्धिस्ट सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा पटना के गौतम बुद्ध विहार में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के उपाध्यक्ष श्रीनाथ सिंह बौद्ध ने की। इस विशेष आयोजन का उद्देश्य बौद्ध धम्म, सम्राट अशोक के विचारों और विश्व शांति के संदेश को जन-जन तक पहुँचाना था।
बुद्ध वंदना और पंचशील पाठ से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
समारोह का आरंभ भदंत प्रज्ञादीप महाथेरो द्वारा बुद्ध वंदना, त्रिशरण और पंचशील पाठ के साथ किया गया, जिससे वातावरण पूर्णतः आध्यात्मिक हो गया। इस दौरान बौद्ध अनुयायियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही।
मुख्य अतिथि चंद्रबोधी पाटिल का संबोधन: सम्राट अशोक का मार्ग ही विश्व शांति की राह
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं संस्था के ट्रस्टी चेयरमैन माननीय चंद्रबोधी पाटिल ने अपने उद्बोधन में कहा कि सम्राट अशोक का जीवन और उनके सिद्धांत आज भी विश्व में शांति, समानता और करुणा का संदेश देते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर समाज अशोक के आदर्शों पर चले, तो एक नवीन सामाजिक परिवर्तन संभव है।
धम्म और धर्म में अंतर पर विशेष व्याख्यान
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्रीनाथ सिंह बौद्ध ने कहा कि “धम्म और धर्म अलग-अलग हैं। धर्म से धम्म को नियंत्रित नहीं किया जा सकता, बल्कि धम्म को अपनाकर ही समाज में सही दिशा लाई जा सकती है।”
सम्राट अशोक शोभा यात्रा ने खींचा ध्यान
इस अवसर पर जगदेव पथ, जक्कनपुर और बोरिंग रोड से भव्य सम्राट अशोक शोभा यात्रा निकाली गई, जो गौतम बुद्ध विहार तक पहुंची। शोभायात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और सम्राट अशोक अमर रहें, बुद्धं शरणं गच्छामि जैसे नारे गूंजते रहे।
प्रबुद्धजनों ने रखे विचार, हुआ सामाजिक समरसता का संदेश
कार्यक्रम को अरविंद कुमार तिवारी (प्राचार्य, शाक्यमुनि कॉलेज बोधगया), बीडी सुजात, ब्रज किशोर सिंह कुशवाहा, सुरेश गौतम, विनोद सिंह कुशवाहा, गोपाल जी सिंह, अशोक मौर्य, कामेश्वर कुमार, राजकुमार अंबेडकर समेत अनेक सामाजिक और बौद्ध विचारकों ने संबोधित किया।
अतिथियों का स्वागत प्रदेश अध्यक्ष बुद्ध सेवक प्रसाद ने किया।




