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महाराष्ट्र: बीड़ में EVM गड़बड़ी का बड़ा खुलासा, पुलिस अधिकारी को ₹10 लाख की रिश्वत देने की पेशकश

महाराष्ट्र के बीड़ में EVM गड़बड़ी का खुलासा
पुलिस अधिकारी को EVM हेराफेरी पर चुप रहने के लिए ₹10 लाख की रिश्वत
स्ट्रॉन्ग रूम से EVM हटाने का प्रयास
चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता पर सवाल
लोकतंत्र पर बड़ा खतरा, चुनाव आयोग सतर्क
बीड़ (महाराष्ट्र) ।  लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। बीड़ जिले में चुनाव ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी रंजीत कसले ने एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि उन्हें EVM में छेड़छाड़ और स्ट्रॉन्ग रूम से EVM हटाने के मामले में चुप रहने के बदले ₹10 लाख की रिश्वत की पेशकश की गई थी।

EVM हेराफेरी की कोशिश?
पुलिस अधिकारी का दावा है कि उन्हें चुनाव के दौरान ऐसे संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी मिली, जिसमें EVM मशीनों के साथ छेड़छाड़ और उन्हें स्ट्रॉन्ग रूम से हटाने की कोशिश की गई थी। जब उन्होंने इस विषय में आवाज उठाने की बात कही, तो उन्हें भारी रकम देकर चुप रहने के लिए मजबूर किया गया।

लोकतंत्र पर सीधा हमला:
इस खुलासे ने न सिर्फ महाराष्ट्र की चुनावी प्रक्रिया को कटघरे में खड़ा कर दिया है, बल्कि पूरे देश में EVM की पारदर्शिता और सुरक्षा को लेकर बहस छेड़ दी है। अधिकारी का कहना है कि यह सिर्फ भ्रष्टाचार नहीं बल्कि भारतीय लोकतंत्र पर सीधा हमला है।

राजनीतिक भूचाल की आशंका:
इस मामले के सामने आने के बाद चुनाव आयोग, सुरक्षा एजेंसियाँ और राजनीतिक दल सभी सतर्क हो गए हैं। कई विपक्षी नेताओं ने इस घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है और EVM की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाए हैं।

आगे की जांच जारी:
अब इस मामले को लेकर चुनाव आयोग की नजरें भी बीड़ पर टिकी हैं। यदि इस मामले में कोई तथ्यात्मक प्रमाण सामने आते हैं, तो यह देश की चुनावी प्रक्रिया में ऐतिहासिक मोड़ साबित हो सकता है।

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