जबलपुर से नई दिल्ली जा रही श्रीधाम एक्सप्रेस में डब्बे में आग, भिटौनी स्टेशन के पास मचा हड़कंप
श्रीधाम एक्सप्रेस में हादसा टला, युवा रेलकर्मी की सतर्कता से बची सैकड़ों यात्रियों की जान
भोपाल। मध्यप्रदेश के जबलपुर से नई दिल्ली जा रही श्रीधाम एक्सप्रेस (Shridham Express) में सोमवार को बड़ा हादसा टल गया। घटना मदलमहल स्टेशन से आगे भिटौनी (शाहपुरा) स्टेशन के पास हुई, जब ट्रेन के एक डिब्बे में ब्रेक बाइंडिंग के कारण जलने की बदबू और धुआं उठने लगा। यात्रियों को पहले यह अंदाजा भी नहीं था कि यह स्थिति किसी बड़े खतरे का संकेत है, लेकिन वेस्ट सेंट्रल रेलवे मजदूर संघ भोपाल मंडल के युवा साथी दीप सिंह ठाकुर की सतर्कता ने समय रहते इस खतरे को टाल दिया।
दीप सिंह ठाकुर अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे थे। जैसे ही उन्होंने डिब्बे से धुआं उठते देखा, उन्होंने तुरंत कंट्रोल रूम को सूचना दी। अनुमति मिलने पर ट्रेन को रोका गया और लोको पायलट व ट्रेन मैनेजर के साथ समन्वय कर प्रभावित डिब्बे को आइसोलेट किया गया। इसके बाद ट्रेन को सुरक्षित रूप से आगे बढ़ाया गया। दीप सिंह की इस त्वरित कार्रवाई से एक बड़ी दुर्घटना टल गई।
मौके पर मौजूद यात्रियों और रेलवे स्टाफ ने दीप सिंह की सतर्कता की जमकर सराहना की। यात्रियों ने तालियां बजाकर उनका सम्मान किया, वहीं रेलवे कंट्रोल और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी उनके साहस व जिम्मेदारी की प्रशंसा की। राहत की बात यह रही कि इस घटना में कोई यात्री घायल नहीं हुआ।
घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे के अधिकारी और स्थानीय पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गए। प्राथमिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि तकनीकी खराबी या शॉर्ट-सर्किट की वजह से धुआं और आग जैसी स्थिति बनी। रेल प्रशासन ने जांच के आदेश दे दिए हैं और यात्रियों को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।
यह घटना एक बार फिर भारतीय रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और तकनीकी जांच प्रणाली पर सवाल खड़े करती है। हालांकि दीप सिंह ठाकुर जैसे सतर्क यात्रियों की मौजूदगी ने साबित किया कि सजगता और जिम्मेदारी के साथ समय पर उठाए गए कदम बड़े हादसों को टाल सकते हैं। श्रीधाम एक्सप्रेस जैसी लंबी दूरी की ट्रेनों में तकनीकी जांच और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसे पूरी तरह रोके जा सकें।