मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन 2025: अब तक 26.73 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी, 15.33 लाख किसानों ने कराया पंजीयन

भोपाल । मध्यप्रदेश गेहूं उपार्जन 2025 की प्रक्रिया इस वर्ष एक नए कीर्तिमान की ओर बढ़ रही है। राज्य में समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए इस बार कुल 15 लाख 33 हजार किसानों ने पंजीयन कराया है। यह जानकारी एमपी खाद्य मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने मीडिया को दी।
खाद्य मंत्री ने बताया कि किसान पंजीयन एमपी में 20 जनवरी से 9 अप्रैल 2025 तक पंजीकरण अभियान चलाया गया, जिसमें बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। उन्होंने कहा कि गेहूं उपार्जन की अवधि 15 मार्च से 5 मई 2025 तक निर्धारित है।
2,600 रुपये प्रति क्विंटल का मिलेगा मूल्य, बोनस सहित
राज्य सरकार किसानों को गेहूं के लिए 2,425 रुपये प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य और 175 रुपये प्रति क्विंटल बोनस दे रही है। इस प्रकार किसानों को कुल 2,600 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया जा रहा है। यह कदम एमपी सरकार की किसान हितैषी नीतियों को मजबूती देता है।
3,528 उपार्जन केंद्र, 5,000 करोड़ से अधिक का भुगतान
खाद्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 3,528 गेहूं उपार्जन केंद्र स्थापित किए गए हैं। अब तक राज्य सरकार ने 3.09 लाख किसानों से 26.73 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी की है। इसमें से 24.44 लाख मीट्रिक टन का परिवहन और 21.86 लाख मीट्रिक टन का भंडारण किया जा चुका है।
किसानों को अब तक 5,027 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। मंत्री राजपूत ने यह भी आश्वासन दिया कि शेष भुगतान अगले 3 से 5 कार्य दिवसों में पूर्ण कर दिया जाएगा।
पारदर्शिता और किसान हित सर्वोपरि – मंत्री गोविंद सिंह राजपूत
खाद्य मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार किसानों को समय पर उचित मूल्य और पारदर्शी भुगतान प्रक्रिया उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। एमपी गेहूं खरीदी 2025 को सरल, व्यवस्थित और किसान हितैषी बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि डिजिटल पंजीयन प्रणाली, ऑनलाइन भुगतान ट्रैकिंग और स्थानीय उपार्जन केंद्रों की निगरानी जैसी व्यवस्थाओं से किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
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निष्कर्ष:
मध्यप्रदेश में गेहूं उपार्जन 2025 न केवल किसानों की मेहनत को सम्मान दे रहा है, बल्कि यह राज्य सरकार की कृषि क्षेत्र में पारदर्शिता और समयबद्ध भुगतान की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है। आगामी दिनों में उपार्जन प्रक्रिया के पूर्ण होते ही शेष किसानों को भी लाभ मिलने की उम्मीद है।





