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मध्यप्रदेश में यूरिया संकट: सरकार के दावे खोखले, हकीकत में खाद के लिए भटक रहा किसान

कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा का सरकार पर तीखा हमला, ठंड में लाइन लगाकर रात गुजारने को मजबूर अन्नदाता

भोपाल। मध्यप्रदेश में रबी सीजन के बीच यूरिया खाद की भारी किल्लत को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सुश्री संगीता शर्मा ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के “पर्याप्त यूरिया उपलब्धता” के दावे पूरी तरह खोखले साबित हो रहे हैं, क्योंकि जमीनी हकीकत यह है कि किसान एक बोरी खाद के लिए कड़ाके की ठंड में खुले आसमान के नीचे रात गुजारने को मजबूर है। संगीता शर्मा ने कहा कि एक ओर किसान 8–9 डिग्री तापमान और घने कोहरे में वेयरहाउस के बाहर लाइन में खड़ा है, वहीं दूसरी ओर सरकार आत्ममुग्ध होकर जश्न मनाने में लगी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ. मोहन यादव सरकार में प्रदेश का अन्नदाता अपमान और पीड़ा झेल रहा है।

जावरा में हालात बेहद चिंताजनक

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता ने रतलाम जिले के जावरा अनुभाग का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां यूरिया संकट भयावह रूप ले चुका है। किसान रात से ही वेयरहाउस के बाहर कतार में लग रहे हैं। कई किसान अपने घरों से बिस्तर, कंबल लेकर खुले मैदान में सो रहे हैं, ताकि सुबह उन्हें यूरिया लेने का टोकन मिल सके। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा प्रतिदिन केवल 100 किसानों को ही टोकन दिए जा रहे हैं, जबकि सुबह होते-होते किसानों की संख्या कई गुना बढ़ जाती है। इस अव्यवस्थित व्यवस्था के चलते किसानों के बीच तनाव, विवाद और अफरा-तफरी की स्थिति बन रही है।

बुजुर्ग किसान भी रात में लाइन लगाने को मजबूर

संगीता शर्मा ने कहा कि 70 वर्षीय बुजुर्ग किसान अमर सिंह जैसे लोग रात एक-दो बजे घर से निकलकर ठंड में लाइन लगा रहे हैं, फिर भी उन्हें यह भरोसा नहीं होता कि उन्हें यूरिया मिल पाएगा। कई किसान पिछले तीन-तीन दिनों से वेयरहाउस के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन न प्रशासन सुन रहा है और न ही सरकार।

सरकार की पूर्ण विफलता का प्रमाण

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि यह स्थिति सरकार की पूर्ण विफलता को दर्शाती है। यदि समय रहते यूरिया का पर्याप्त भंडारण और सुनियोजित वितरण किया जाता, तो किसानों को इस अमानवीय स्थिति का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने मांग की कि सरकार तत्काल पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध कराए, वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाए और लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे, ताकि प्रदेश के अन्नदाता को वास्तविक राहत मिल सके।

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