मध्यप्रदेश विधानसभा सत्र की कार्यवाही में हंगामा, विपक्ष के तीखे सवालों पर सत्ता पक्ष की तकरार तेज

कफ सीरप कांड, एमवाय अस्पताल और किसानों के मुद्दों पर गरमाया सदन; अतिक्रमण, युवाओं के रोजगार और खेल नीति पर भी हुई तीखी बहस

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र आज सुबह 11 बजे शुरू हुआ। कार्यवाही की शुरुआत पूर्व दिवंगत विधायकों और मंत्रियों को श्रद्धांजलि देकर की गई। इसके बाद जैसे ही प्रश्नकाल आरंभ हुआ, विपक्ष ने कफ सीरप मृत्यु कांड और इंदौर के एमवाय अस्पताल में हुई घटनाओं का मुद्दा जोरदार तरीके से उठाया, जिसके चलते सदन का माहौल गर्म हो गया।

कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक उमंग सिंघार ने कफ सीरप प्रकरण पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि मानवता खत्म हो गई है, दिवाली के समय कई घरों के चिराग बुझ गए। इंदौर के एमवाय अस्पताल में भी ऐसी ही लापरवाही सामने आई है। सिंघार के सवालों के बीच सत्ता पक्ष के विधायक और मंत्री हंगामा करते रहे, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने सिंघार को आगे बोलने की अनुमति दी। नेता प्रतिपक्ष और विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने सभी दिवंगतों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह बेहद शौक का विषय है, जिसके बाद वे कुछ देर आसंदी से उठ गए। विपक्ष ने कफ सीरप और अस्पताल कांड को लेकर नारेबाजी जारी रखी।

खेल, रोजगार और युवाओं के मुद्दों पर भी घमासान

नीमच से विधायक दिलीप सिंह परिहार ने राष्ट्रीय खिलाड़ियों को दूसरे राज्यों की तरह 10% आरक्षण दिए जाने का मुद्दा उठाया। खेल मंत्री विश्वास सारंग  ने बताया कि राष्ट्रीय–अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को विक्रम अवॉर्ड के साथ शासकीय नौकरी दी जा रही है। दो खिलाड़ियों की नियुक्ति शेष है, जिन्हें जल्द ही नियुक्ति दी जाएगी। साथ ही खिलाड़ियों को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट भी प्रदान की गई है। मंत्री सारंग ने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य होगा जहां हर विधानसभा क्षेत्र में एक स्टेडियम बनाने की योजना है।

शहरी विकास: इटारसी में अतिक्रमण हटाने और नालियों के निर्माण पर चर्चा

नगरीय प्रशासन मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि इटारसी में नालियों का निर्माण प्रस्तावित है और हाथ ठेला हटाए जा चुके हैं। SDM की जांच में 3 स्थायी अतिक्रमण मिले, जबकि 180 अस्थायी अतिक्रमण हटाए गए। नर्मदापुरम से बीजेपी विधायक सीताशरण शर्मा ने कहा कि हर मुख्य मार्ग पर अतिक्रमण हैं, जिससे जाम और लड़कियों से छेड़छाड़ जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं। उन्होंने अतिक्रमण हटाने के लिए समय सीमा तय करने की मांग की। सागर से विधायक शैलेन्द्र जैन, और भाजपा के प्रदीप लरिया ने भी अतिक्रमण हटाने के लिए व्यापक योजना बनाने पर जोर दिया।

किसानों की समस्याओं पर सदन में सबसे अधिक हंगामा

कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने MSP, भावांतर योजना, अतिवृष्टि सर्वे और बीमा राशि को लेकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि किसानों को 700 करोड़ की जगह केवल मामूली 150–320 रुपये तक मुआवजा मिला है। बीमा कंपनियों ने 7,000 करोड़ वसूलकर केवल 700 करोड़ लौटाए, बाकी राशि किसानों की लूट है।

बीजेपी के रामेश्वर शर्मा ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को किसान हितैषी बताया और बीमा कंपनियों की लापरवाही पर मंत्रियों को सख्त निर्देश देने की बात कही।

श्योपुर से विधायक बाबू जडेल ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गए भुगतान किसानों तक नहीं पहुंचे। कुछ के खाते में केवल 1,000–2,000 रुपये पहुंचे हैं, जबकि बिजली चोरी के झूठे आरोप में किसान जेल जा रहे हैं।

कटंगी विधायक गौरव पारथी ने कहा कि फसल बीमा योजना के दायरे में अब 15 हजार आवेदन आ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि जंगली जानवरों और पानी से हुए नुकसान को भी बीमा में शामिल किया जाएगा।

भावांतर योजना पर फिर शुरू हुआ विवाद

राधौगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि सरकार MSP पर खरीदी में विफल रही है और किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया गया। इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जवाब दिया कि भावांतर योजना कांग्रेस सरकार में शुरू हुई थी, लेकिन कांग्रेस विधायक बालबचन सिंह ने बताया कि यह पूरी तरह गलत सूचना है, यह योजना 2017–18 में भाजपा सरकार द्वारा ही लाई गई थी।


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