
बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित बुलंदशहर हाईवे गैंगरेप कांड में करीब 9 साल बाद अदालत ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। कोर्ट ने मां–बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पांच आरोपियों को दोषी करार दिया है। दोषियों को 22 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी।
क्या था पूरा मामला
यह दिल दहला देने वाली घटना 29 जुलाई 2016 की है। एक परिवार नोएडा से शाहजहांपुर कार से जा रहा था। जब वे बुलंदशहर के पास हाईवे पर पहुंचे, तो बदमाशों ने सड़क पर भारी वस्तु फेंककर कार रुकवा ली। इसके बाद लुटेरों ने परिवार को आतंकित किया और मां व 14 वर्षीय नाबालिग बेटी को जबरन पास के खेत में ले गए। आरोप है कि वहां करीब ढाई घंटे तक पांचों आरोपियों ने बारी-बारी से दुष्कर्म किया। इस दौरान नाबालिग लड़की ने बताया कि वह पीरियड्स में है, इसके बावजूद आरोपियों ने अमानवीय कृत्य को अंजाम दिया।
दोषी करार दिए गए आरोपी
कोर्ट ने इस मामले में, जुबेर उर्फ सुनील, साजिद, धर्मवीर, नरेश सहित कुल 5 आरोपियों को दोषी ठहराया है। सभी को 22 दिसंबर को सजा सुनाई जाएगी।
देशभर में मचा था आक्रोश
घटना सामने आने के बाद यह मामला पूरे देश में सुर्खियों में रहा। महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल उठे थे। मामले में लापरवाही के आरोपों के चलते उस समय 19 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया था।
न्याय में देरी पर सवाल
हालांकि दोषियों के खिलाफ फैसला आने से पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद मिली है, लेकिन 9 साल की लंबी कानूनी प्रक्रिया ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ अपराधों में न्याय मिलने में इतनी देरी क्यों होती है। अब सभी की निगाहें 22 दिसंबर पर टिकी हैं, जब अदालत दोषियों की सजा का ऐलान करेगी।



