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भोपाल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 380 बच्चों की दिल की जांच, 158 को निःशुल्क सर्जरी के लिए किया गया चिन्हित

भोपाल ।  मध्य प्रदेश में बच्चों के स्वास्थ्य संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के अंतर्गत जयप्रकाश जिला चिकित्सालय, भोपाल में हृदय रोग जांच के लिए विशेष स्क्रीनिंग कैंप का आयोजन किया गया। इस शिविर में भोपाल संभाग के 8 जिलों से आए 380 बच्चों की नि:शुल्क इको (ECHO) जांच अनुभवी हृदय रोग विशेषज्ञों द्वारा की गई। जांच के दौरान 158 बच्चों में जन्मजात या अन्य हृदय रोग संबंधी गंभीर समस्याएं पाई गईं, जिन्हें आगे निःशुल्क सर्जरी एवं उपचार के लिए चिन्हित किया गया है। यह सर्जरी राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत पूरी तरह शासन की ओर से निःशुल्क कराई जाएगी।

विशेषज्ञ संस्थाओं के सहयोग से लगा शिविर

यह विशेष हृदय जांच शिविर श्री सत्य साइन सेवा संगठन, राजकोट एवं अहमदाबाद के सहयोग से आयोजित किया गया। शिविर में क्षेत्रीय स्वास्थ्य संचालक डॉ. नीरा चौधरी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ. मनीष शर्मा, उपसंचालक आरबीएसके डॉ. निधि शर्मा, सिविल सर्जन डॉ. संजय जैन सहित स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


मिशन संचालक ने बच्चों और परिजनों से लिया फीडबैक

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन संचालक डॉ. सलोनी सिडाना ने शिविर का निरीक्षण कर बच्चों की स्वास्थ्य समस्याओं की जानकारी ली और उनके परिजनों से शासन की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर फीडबैक प्राप्त किया।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम बच्चों में बीमारियों, दिव्यांगता, पोषण की कमी, विकासात्मक देरी और जन्मजात दोषों की समय पर पहचान में अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

पहले से की गई थी स्क्रीनिंग

शिविर में लाए गए सभी बच्चों की आरबीएसके टीम द्वारा पूर्व में प्राथमिक स्क्रीनिंग की जा चुकी थी। हृदय रोग की आशंका पाए जाने पर उन्हें विशेष इको जांच के लिए रेफर किया गया था। जिन बच्चों में हृदय संबंधी समस्याएं पाई गई हैं, उनका उपचार एवं सर्जरी पूरी तरह निःशुल्क कराई जाएगी।

2013 से संचालित है राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम

गौरतलब है कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम वर्ष 2013 से संचालित है, जिसके अंतर्गत जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों में 4D  Disease (बीमारी), Deficiency (कमी), Disability (दिव्यांगता) और Developmental Delay (विकास में देरी) की पहचान, प्रबंधन और उपचार किया जाता है। कार्यक्रम के अंतर्गत मोबाइल आरबीएसके दल पूर्व निर्धारित योजना के अनुसार आंगनवाड़ी केंद्रों और स्कूलों में जाकर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं। जांच के दौरान चिन्हित बच्चों को जिला शीघ्र हस्तक्षेप केंद्र (DEIC) रेफर कर गुणवत्तापूर्ण उपचार सुनिश्चित किया जाता है।

इन गंभीर बीमारियों की सर्जरी पूरी तरह निःशुल्क

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत शासन द्वारा जन्मजात हृदय रोग, कॉक्लियर इम्प्लांट, रिफ्रेक्शन ऑफ प्रीमेच्योरिटी, क्लब फुट, क्लेफ्ट लिप एवं क्लेफ्ट पैलेटजैसी जटिल शल्य चिकित्सा पूरी तरह निःशुल्क कराई जाती है। इन सेवाओं के लिए आर्थिक पृष्ठभूमि कोई बाधा नहीं है, जिससे गरीब और जरूरतमंद परिवारों को बड़ी राहत मिल रही है।

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