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एम्स भोपाल में एमपीपीडिकॉन-2025 के तहत दो प्री-कॉन्फ्रेंस कार्यशालाएँ सफल, बाल चिकित्सा सेवाओं को मिला अकादमिक सशक्तिकरण

भोपाल। एम्स भोपाल लगातार चिकित्सा शिक्षा, शोध और अकादमिक गतिविधियों के माध्यम से प्रदेश में बाल चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। इसी क्रम में एम्स भोपाल के बाल रोग विभाग द्वारा एमपीपीडिकॉन (मध्य प्रदेश पीडियाट्रिक कॉन्फ्रेंस)-2025 के अंतर्गत दो महत्वपूर्ण प्री-कॉन्फ्रेंस कार्यशालाओं पेडियाट्रिक हेमेटोलॉजी ऑन्कोलॉजी कार्यशाला एवं अस्थमा ट्रेनिंग मॉड्यूल कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इन कार्यशालाओं का उद्घाटन डीन (अकादमिक) प्रो. (डॉ.) रजनीश जोशी ने किया। उन्होंने अपने संबोधन में बाल हेमेटोलॉजिकल एवं ऑन्कोलॉजिकल विकारों तथा बाल अस्थमा के साक्ष्य-आधारित और मानक उपचार पर विशेष बल दिया।
बाल रोग विभागाध्यक्ष प्रो. शिखा मलिक ने कार्यशाला समन्वयकों, फैकल्टी सदस्यों एवं देशभर से आए प्रतिनिधियों को उत्कृष्ट सहभागिता और सफल आयोजन के लिए बधाई दी।

एमपीपीडिकॉन-2025 के आयोजन अध्यक्ष प्रो. महेश महेश्वरी ने भोपाल में सम्मेलन और प्री-कॉन्फ्रेंस कार्यशालाओं के सफल आयोजन के लिए पूरी टीम का आभार व्यक्त किया तथा 13 व 14 दिसंबर 2025 को आयोजित होने वाले मुख्य सम्मेलन में प्रदेश व देश के सभी बाल रोग विशेषज्ञों को सहभागी बनने का आमंत्रण दिया। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर ने राज्य के चिकित्सकों के ज्ञान संवर्धन हेतु ऐसे अकादमिक आयोजनों की सराहना करते हुए बाल रोग विभाग को बधाई दी।

अस्थमा ट्रेनिंग मॉड्यूल

इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के अंतर्गत आयोजित इस कार्यशाला का समन्वय डॉ. अंबर कुमार (अतिरिक्त प्रोफेसर, बाल रोग विभाग) ने किया। इसका उद्देश्य बाल रोग विशेषज्ञों को अस्थमा के नवीनतम प्रबंधन दिशानिर्देशों से अपडेट करना था।
इस सत्र में डॉ. संजीव सिंह रावत, डॉ. राजेश टिक्कस, डॉ. अजीत देवरा, डॉ. खुजेमा फर्नीचरवाला और डॉ. अंबर कुमार ने विशेषज्ञ व्याख्यान दिए। विषयों में अस्थमा का निदान, आयु के अनुसार उपचार, इनहेलेशन तकनीक तथा स्पाइरोमेट्री का व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल रहा।

पेडियाट्रिक हेमेटोलॉजी ऑन्कोलॉजी कार्यशाला

इस कार्यशाला के समन्वयक डॉ. नरेंद्र चौधरी, डॉ. योगेंद्र यादव और डॉ. श्वेता शर्मा रहे। वैज्ञानिक सत्रों में डॉ. सुनील नाथ जोंधले, डॉ. श्वेता पाठक, डॉ. अनिल शर्मा, डॉ. शिवानी पटेल, डॉ. भावना ढींगरा, डॉ. गौरव खार्या, डॉ. स्वाति पटेल, डॉ. गौरव त्रिपाठी, डॉ. भारती दुबे, डॉ. रोमेश जैन सहित कई वरिष्ठ विशेषज्ञों ने सहभागिता की। सत्रों में बाल हेमेटोलॉजी और ऑन्कोलॉजी से जुड़े महत्वपूर्ण व्यावहारिक विषयों पर गहन चर्चा की गई।कार्यशाला के दौरान मैनिक्विन पर प्रक्रियाओं का अभ्यास, लैब रिपोर्ट्स की व्याख्या, तथा ब्लड बैंक सुविधाओं का प्रत्यक्ष अनुभव भी कराया गया। समापन सत्र में डॉ. पक्कीरेश रेड्डी और डॉ. अनुराग मोहंती द्वारा एक ऑनलाइन क्विज आयोजित की गई, जिसके विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
यह संपूर्ण आयोजन कैनकिड्स–किडस्कैन संस्था के सहयोग से संपन्न हुआ, जो बाल कैंसर के क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्यरत है।

एम्स भोपाल द्वारा आयोजित यह अकादमिक पहल न केवल बाल रोग विशेषज्ञों के कौशल को सशक्त करती है, बल्कि प्रदेश में उन्नत, गुणवत्तापूर्ण और साक्ष्य-आधारित बाल चिकित्सा सेवाओं को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई है।

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