पीड़ित भाजपा नेता से अपनी फरियाद सुनाता रहा , नेताजी बोले सिक्योरिटी इसे बाहर फेंको, ओर भारत माता की जय

“बोलो भारत माता की जय” के बीच न्याय की गुहार, भाजपा नेता पर गंभीर आरोप


सतना । राजनीतिक मंचों पर जहां आमतौर पर जनसमस्याएं सुनी जानी चाहिए, वहीं एक ऐसा वीडियो और बयान सामने आया है जिसने लोकतांत्रिक संवेदनशीलता और सत्ता के व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। खुद को पीड़ित बताने वाले अरुणेश कुशवाह ने खुले मंच पर न्याय की गुहार लगाई, लेकिन आरोप है कि उन्हें सुनने के बजाय देशभक्ति के नारे लगवाकर बाहर निकाल दिया गया।

“मेरे साथ अन्याय हो रहा है”  फरियाद अनसुनी

जानकारी के अनुसार, सतना जिले के अरुणेश कुशवाह ने एक भाजपा नेता के सामने अपनी बात रखते हुए कहा कि सर, मेरे साथ अन्याय हो रहा है।इस पर मंच से जवाब आया बोलो भारत माता की जय। बताया जा रहा है कि इसी दौरान सुरक्षा कर्मियों को इशारा कर उन्हें पकड़ने के निर्देश भी दिए गए।

परिवार पर हमले का आरोप, लेकिन मंच से निकाला गया

अरुणेश कुशवाह ने दोबारा अपनी बात रखते हुए आरोप लगाया कि सर, भाजपा नेता कुलदीप भदौरिया मेरे परिवार को मार रहा है।लेकिन इसके बाद भी आरोप है कि मंच से कहा गया उठाकर बाहर फेंको इसको और जोर से बोलो भारत माता की जय। इस घटनाक्रम ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या पीड़ित की आवाज़ से ज्यादा नारेबाज़ी अहम हो गई है?

राजनीतिक मर्यादा और लोकतंत्र पर सवाल

यह मामला अब सोशल मीडिया और राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है। कई लोग इसे सत्ता के अहंकार और आम नागरिक की फरियाद की अनदेखी से जोड़कर देख रहे हैं। विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि अगर पार्टी के भीतर या सत्ता के आसपास के लोगों से पीड़ित व्यक्ति अपनी बात नहीं रख सकता, तो यह लोकतंत्र के लिए चिंताजनक संकेत है।

अब भी जवाब का इंतज़ार

फिलहाल इस पूरे मामले पर संबंधित भाजपा नेता या संगठन की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। वहीं अरुणेश कुशवाह का कहना है कि वह न्याय के लिए आगे भी अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। यह घटना बताती है कि नारे और शक्ति प्रदर्शन से ज्यादा जरूरी है पीड़ित की आवाज़ को सुनना यही लोकतंत्र की असली कसौटी है।

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