
मध्यप्रदेश पुलिस की त्वरित कार्रवाई बनी जीवन-रेखा
भोपाल । मध्यप्रदेश पुलिस की डायल-112 सेवा लगातार एक भरोसेमंद आपात सहायता प्रणाली के रूप में उभर रही है। संवेदनशीलता, त्वरित प्रतिक्रिया और मानवीय दृष्टिकोण के साथ काम करने वाली यह सेवा कई लोगों की जान बचा रही है। ताज़ा उदाहरण रायसेन, देवास और छिंदवाड़ा जिलों में सामने आए तीन अलग-अलग मामलों में देखने को मिला, जहाँ आत्महत्या का प्रयास कर रहे व्यक्तियों को डायल-112 के जवानों ने समय रहते बचाकर मानवता की मिसाल पेश की।
रायसेन: कमरे में बंद युवक को तोड़कर निकाला, समय पर अस्पताल पहुँचा
रायसेन जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के मखनी गाँव में 35 वर्षीय युवक द्वारा कमरे में खुद को बंद कर फाँसी लगाने का प्रयास करने की सूचना मिलते ही राज्य स्तरीय पुलिस कंट्रोल रूम डायल-112 भोपाल सक्रिय हो गया। आरक्षक संजय श्रीवास्तव और पायलट रोहित कुमार तत्काल मौके पर पहुँचे, स्थानीय लोगों की मदद से दरवाज़ा तोड़ा और युवक को फंदे से उतारकर एफआरव्ही वाहन से जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। त्वरित कार्रवाई के चलते युवक की जान बच गई।
देवास: संवेदनशील संवाद ने बचाई 21 वर्षीय महिला की जिंदगी
देवास जिले के भौंरासा थाना क्षेत्र में पारिवारिक विवाद के बाद आत्महत्या का प्रयास कर रही 21 वर्षीय महिला को डायल-112 टीम ने समझाइश और मानवीय वार्ता के माध्यम से शांत कराया।
आरक्षक अरुण रावत और पायलट अनुराग चौधरी ने महिला का भरोसा जीतकर उसे आत्मघाती कदम उठाने से रोका और सुरक्षित थाना लाया।
छिंदवाड़ा: जहरीला पदार्थ निगलने वाले युवक को तुरंत अस्पताल पहुँचाया
छिंदवाड़ा जिले के अमरवाड़ा थाने में 24 वर्षीय युवक द्वारा जहरीला पदार्थ सेवन किए जाने की सूचना मिलते ही सैनिक गेंदालाल यादव और पायलट उमेश पुरी गोस्वामी तुरंत पहुंचे और उसे सिविल अस्पताल अमरवाड़ा में भर्ती कराया। युवक का इलाज जारी है।
डायल-112: संकट की घड़ी में मध्यप्रदेश की असली जीवन-रेखा
इन तीनों घटनाओं ने सिद्ध कर दिया कि मध्यप्रदेश पुलिस की डायल-112 सेवा केवल आपातकालीन सहायता नहीं, बल्कि जीवन रक्षा का महत्वपूर्ण माध्यम बन चुकी है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि मानसिक तनाव, अवसाद या कठिन परिस्थितियों में आत्मघाती कदम उठाने के बजाय तुरंत सहायता माँगें और अपने परिजनों या पुलिस से संपर्क करें।



