भोपाल। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी जूनापीठाधीश्वर की प्रेरणा से समर्पण से संसार पुस्तक द्वारा अद्वितीय पहल के रूप में पीतल की पूर्ण रामायण तैयार करने का कार्य महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर प्रारंभ किया गया। महर्षि वाल्मीकि को ‘आदिकवि’ और रामायण के रचयिता के रूप में श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हुए इस विशेष दिन पर पीतल की रामायण का मुख्य पृष्ठ जारी किया गया। इस भव्य परियोजना में रामायण को पीतल की 40 गेज शीट पर 7 इंच लंबाई और 5 इंच चौड़ाई के 850 पृष्ठों पर दोतरफा छापा जाएगा। आयोजकों के अनुसार यह ग्रंथ सनातन संस्कृति की अमर धरोहर बनेगा और भावी पीढ़ियों के लिए अविनाशी रामकथा का प्रतीक रहेगा।
महर्षि वाल्मीकि जयंती पर शुरू हुआ पीतल की पूर्ण रामायण का पवित्र कार्य
