State

आदिवासी समुदाय का धर्म हिन्दू नहीं

नवनिर्वाचित सांसद राजकुमार ने रखी अपनी राय
जयपुर,। राजस्थान के बांसवाड़ा लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद पहुंचने वाले नवनिर्वाचित सांसद राजकुमार रोत का कहना है कि वो न तो हिन्दू हैं और न ही आदिवासी समुदाय ही हिन्दू धर्म को मानता है। गौरतलब है कि राजकुमार 2018 के विधानसभा चुनाव से ही आदिवासी समुदाय के एक बड़े नेता के तौर पर अपनी पहचान बना चुके हैं और लोकसभा चुनाव 2024 में आदिवासी बाहुल्य लोकसभा सीट डूंगरपुर बांसवाड़ा से जीत भी दर्ज करा चुके हैं। ऐसे में उनके इस कथन से कि वो हिन्दू नहीं हैं को लेकर माहौल गर्मा गया है।
यहां बताते चलें कि राजकुमार ने आदिवासी समुदाय के दिग्गज कहे जा रहे नेता महेंद्रजीत सिंह मालवीय को करारी शिकस्त दी है। इस कारण भी राजकुमार रोत का सियासी कद बढ़ गया है। एक साक्षात्कार के दौरान नवनिर्वाचित सांसद राजकुमार ने कहा कि आदिवासी समुदाय हिंदू नहीं है और मैं भी हिंदू धर्म को नहीं मानता हूं। जब से यह बयान सोशल मीडिया पर आया है तभी से कुछ लोग राजकुमार रोत को ट्रोल करने में लगे हुए हैं। वैसे राजकुमार दो बार लगातार विधायक रहने के बाद संसद पहुंच रहे हैं, इसलिए उन्होंने जो कहा है वह पूरी जिम्मेदारी से ही कहा होगा। ऐसा उनके शुभचिंतकों की राय है।
दरअसल एक साक्षात्कार के दौरान जब धर्म की बात उठाई गई तो उन्होंने कहा, कि हिंदू मैं नहीं हूं और आदिवासी समुदाय का धर्म हिंदू नहीं है। उन्होंने इसे स्पष्ट करते हुए कहा कि हिंदू धर्म को मानने वालो का उनका अपना रीति-रिवाज अलग है और आदिवासी जाति समुदाय की रिति-रिवाज अलग है, आदिवासी जाति हिंदू नहीं है। इसी बीच उनके नाम राजकुमार पर भी सवाल उठाए गए और उसे भी हिंदू बताया गया तो उन्होंने सवाल करते हुए कहा, आखिर किस ग्रंथ में लिखा है कि राजकुमार नाम हिंदू धर्म का है। उन्होंने पुन: स्पष्ट किया कि न तो वो हिंदू धर्म मानते हैं और न हीं ईसाई धर्म मानते हैं। नॉमिनेशन फॉर्म के धर्म वाले कॉलम को लेकर उन्होंने चुन्नीलाल गरासिया का उदाहरण प्रस्तुत किया और कहा कि चुन्नीलाल ने भी अपने नॉमिनेशन फॉर्म में धर्म के कॉलम में हिंदू नहीं लिखा था। उनके हिन्दू धर्म के नहीं होने वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ लोग बराबर ट्रोल करने और आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। यही नहीं राजकुमार ने भील प्रदेश की मांग रख सियासी गलियारे में हलचल पैदा कर दी है।
संसद में रखेंगे भील प्रदेश की मांग
नवनिर्वाचित सांसद राजकुमार ने राजस्थान में आदिवासियों के लिए अलग से भील प्रदेश के गठन की मांग लोकसभा में रखने का बयान भी दिया है। उनका कहना है कि भील प्रदेश बनाए जाने के लिए वह लोकसभा में पुरजोर तरीके से मांग रखेंगे। उन्होंने कहा कि भील प्रदेश की मांग कोई नई मांग नहीं है, बल्कि गोविंद गुरु भी अलग भील प्रदेश बनाए जाने को लेकर आंदोलन कर रहे थे। उस समय किए गए आंदोलन में अंग्रेजों ने गोलीबारी की थी, जिसमें 1500 आदिवासी शहीद हुए थे। भारत आदिवासी पार्टी पृथक भील प्रदेश की मांग पर अडिग है। अंत में उन्होंने कहा कि संसद में वो राजस्थान के आदिवासी समुदाय के हितों की रक्षा के लिए सतत प्रयासरत रहेंगे।

Related Articles