भोपाल में 10 मई को होगा अजाक्स का प्रांतीय अधिवेशन, पदोन्नति में आरक्षण बहाली सहित कई ज्वलंत मुद्दों पर होगा मंथन

भोपाल। मध्यप्रदेश के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के शासकीय कर्मचारियों के संगठन अजाक्स (अखिल भारतीय अजा-जजा कर्मचारी संघ) का प्रांतीय अधिवेशन 10 मई 2025 को भोपाल के रवीन्द्र भवन में आयोजित किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्यभर से हजारों अजा-जजा प्रतिनिधि शामिल होंगे और पदोन्नति में आरक्षण, बैकलॉग पदों की पूर्ति, पुरानी पेंशन की बहाली सहित आरक्षित वर्ग के संवैधानिक अधिकारों से जुड़े गंभीर मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

अजाक्स की मुख्य माँगें और प्रस्तावित मुद्दे

1. पदोन्नति में आरक्षण (Promotion Reservation in MP):
वर्ष 2016 से लंबित पड़े आरक्षण आधारित पदोन्नति के मुद्दे पर संगठन ने मुख्यमंत्री से गोरकेला समिति द्वारा तैयार ‘पदोन्नति नियम 2017’ को तत्काल लागू करने की माँग की है।


2. बैकलॉग पदों की शीघ्र पूर्ति:
वर्षों से रिक्त पड़े आरक्षित वर्ग के बैकलॉग पदों को जल्द से जल्द भरने की आवश्यकता जताई गई है।


3. निजी क्षेत्र में आरक्षण लागू हो:
राज्य सरकार से यह भी माँग की गई है कि निजी क्षेत्र में आरक्षण नीति को लागू किया जाए ताकि शिक्षा प्राप्त युवा वर्ग को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सकें।


4. पुरानी पेंशन योजना बहाल हो:
पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली भी अजाक्स की प्रमुख माँगों में से एक है।


5. छात्रवृत्ति और छात्रावास सुविधाओं में सुधार:
आरक्षित वर्ग के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति में वृद्धि और छात्रावासों की संख्या व गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया गया है।


6. राज्य सरकार नैतिक जिम्मेदारी निभाए:
अजाक्स ने राज्य सरकार को याद दिलाया कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने 2016 में टीटी नगर मैदान से सार्वजनिक रूप से वादा किया था कि पदोन्नति में आरक्षण समाप्त नहीं होगा, लेकिन अब तक वह लागू नहीं हो सका है।


पदोन्नति में आरक्षण पर रोक से हजारों कर्मचारी प्रभावित

2016 में न्यायालयी हस्तक्षेप के कारण पदोन्नति में आरक्षण पर रोक लगने के बाद, हजारों आरक्षित वर्ग के अधिकारी-कर्मचारी बिना पदोन्नति के सेवानिवृत्त या दिवंगत हो चुके हैं। इससे न केवल न्यायिक अन्याय हुआ है, बल्कि प्रशासनिक सुस्ती और सामाजिक असंतोष भी बढ़ा है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव से अपील

अजाक्स ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से आग्रह किया है कि वे अपने पूर्ववर्ती की घोषणा को लागू करते हुए ‘पदोन्नति नियम 2017’ को विधिवत लागू करें। साथ ही, आरक्षित वर्ग के युवाओं और कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा के लिए नैतिक एवं संवैधानिक दायित्व का निर्वहन करें।


संविधानसम्मत तरीके से होगा अधिवेशन, अन्य समाजों का भी मिल रहा समर्थन

अधिवेशन पूरी तरह संविधान प्रदत्त अधिकारों के तहत आयोजित किया जाएगा। संगठन ने स्पष्ट किया है कि वे कानूनी दायरे में रहकर संघर्ष करते रहेंगे। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी अजाक्स के इस अधिवेशन को समर्थन दिया है, क्योंकि इन माँगों का संबंध पूरे समाज की समग्र उन्नति और समानता से है।



अजाक्स अधिवेशन 2025 भोपाल


निष्कर्ष:
अजाक्स का यह अधिवेशन मध्यप्रदेश की 40% जनसंख्या के मूलभूत अधिकारों की लड़ाई को एक नई दिशा देने वाला है। संगठन ने प्रेस नोट के माध्यम से सभी समाचार माध्यमों से अपील की है कि वे इस संघर्ष को उचित कवरेज देकर समाज के साथ न्याय करने में भूमिका निभाएँ।

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