भोपाल । राजधानी भोपाल स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, मिनाल में जैन श्रद्धालुओं ने 20 दिवसीय भक्ति उत्सव के अंतर्गत ‘भगवान आदिनाथ से महावीर तक’ की दिव्य धर्म यात्रा में गहन आस्था और श्रद्धा के साथ भाग लिया। भव्य आयोजन का समापन 108 स्वर्ण कलशों से भगवान पार्श्वनाथ के अभिषेक और भक्तिमय कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुआ।
23 मार्च से प्रारंभ हुआ भक्ति अनुष्ठान, महिला संयोजिका समिति की विशेष भूमिका
इस अभूतपूर्व धार्मिक आयोजन की शुरुआत 23 मार्च को भगवान ऋषभदेव के जन्म कल्याणक से हुई थी, जो मिनाल जैन सामाजिक संस्थान और महिला संयोजिका समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया। प्रवक्ता अंशुल जैन के अनुसार, यह पहली बार है जब मिनाल जिनालय में इतने व्यापक स्तर पर जैन धर्म की आध्यात्मिक यात्रा को साकार किया गया।
प्रतिदिन स्वर्ण कलश से अभिषेक और नवकार मंत्र का संगीतमय वाचन
अनुष्ठान की विशेषता रही श्री ऋषभदेव भगवान का 108 स्वर्ण कलशों से अभिषेक, जो प्रतिदिन वृहद शांतिधारा और नवकार महामंत्र एवं भक्तामर स्तोत्र के संगीतमय वाचन के साथ हुआ। यह दिव्यता श्रद्धालुओं के मन को भक्ति से सराबोर करती रही।
भजन संध्या में महिला शक्ति की अद्भुत प्रस्तुति
महिला संयोजिका समिति द्वारा आयोजित भजन संध्या में प्रतिदिन रंग-बिरंगी पारंपरिक वेषभूषा, प्रभावना वितरण और आनंदमयी भक्ति नृत्य ने वातावरण को एक भव्य महोत्सव में परिवर्तित कर दिया। श्रद्धालु भावविभोर होकर भक्ति में झूमते रहे।
अर्हम ध्यान योग: आत्मिक शांति की आध्यात्मिक साधना
आचार्य श्री के संदेशों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘योग से स्वस्थ जीवन’ के आह्वान को ध्यान में रखते हुए, भरत जैन के निर्देशन में अर्हम ध्यान योग का आयोजन किया गया। इसमें कायोत्सर्ग, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से श्रद्धालुओं को आत्मिक शांति की अनुभूति कराई गई।
समापन समारोह: विधि-विधान से हुआ श्री पार्श्वनाथ और महावीर विधान
इस 20 दिवसीय जैन धर्म अनुष्ठान का भव्य समापन पंडित आशीष जैन के निर्देशन में विधि-विधानपूर्वक संपन्न श्री पार्श्वनाथ और महावीर विधान के साथ हुआ। अंतिम दिन का आकर्षण रहा भगवान पार्श्वनाथ के स्वर्ण कलश से अभिषेक, जिसने पूरे आयोजन को आध्यात्मिक पूर्णता प्रदान की।
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निष्कर्ष:
भोपाल के मिनाल क्षेत्र में स्थित पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आयोजित यह भव्य और प्रेरणादायक अनुष्ठान जैन समाज की धार्मिक आस्था, महिला सशक्तिकरण और योग-ध्यान की संस्कृति का अद्भुत संगम बनकर सामने आया। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सामाजिक समरसता और मानसिक शांति के दृष्टिकोण से भी अत्यंत सफल और अनुकरणीय रहा।
भोपाल के मिनाल पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में भगवान आदिनाथ से महावीर तक भक्ति यात्रा का भव्य समापन, 108 स्वर्ण कलशों से हुआ अभिषेक
