
दीपावली पर सहरिया समाज ने लिया नशामुक्ति और शिक्षा जागरूकता का संकल्प
विदिशा जिले के कुरवाई क्षेत्र में दीपावली के अवसर पर सहरिया समाज द्वारा शिक्षा, नशामुक्ति और एकता को लेकर ऐतिहासिक संकल्प लिया गया। ग्राम तमोइया और बर्री टोरिया में आयोजित इस जनजागरण सभा ने सहरिया समाज में नई चेतना जगाने का कार्य किया। सभा में बड़ी संख्या में ग्रामीण, समाजसेवी और युवा शामिल हुए।
कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय आदिवासी जनक्रांति संघ (राजस) के तत्वावधान में किया गया, जिसमें समाज के लोगों को नशामुक्ति, शिक्षा प्रसार और सामाजिक एकता के लिए सामूहिक रूप से शपथ दिलाई गई। कई परिवारों ने सार्वजनिक रूप से नशा छोड़ने का संकल्प लेकर समाज में एक सकारात्मक उदाहरण प्रस्तुत किया। सभा को संबोधित करते हुए राजस प्रमुख एडवोकेट सुनील कुमार आदिवासी ने कहा कि सामाजिक बदलाव लाने के लिए धन नहीं, बल्कि नई पीढ़ी में शिक्षा की लौ जलाने की आवश्यकता है। जब शिक्षा फैलेगी, तो समाज खुद अपने पैरों पर खड़ा होगा।
उन्होंने नशे के दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जो धन नशे में व्यर्थ जाता है, वह अगर परिवार की जरूरतों और बच्चों की शिक्षा में खर्च हो, तो समाज का चेहरा बदल सकता है। सरकारी उपेक्षा पर सवाल उठाते हुए एड. सुनील ने कहा कि भोपाल और सागर संभाग की सहरिया जनजाति आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है, जबकि चंबल-ग्वालियर संभाग की सहरिया जनजाति को विशेष पिछड़ी जनजाति (PVTG) का दर्जा मिला हुआ है। समान परिस्थितियों के बावजूद यह भेदभाव भाजपा की दोहरी नीति और आदिवासी समाज के साथ अन्याय है।
उन्होंने सहरिया समाज से एकजुट होकर शिक्षा, स्वाभिमान और अधिकारों की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान किया कि हम वही समाज हैं जिसने जंगल, जल और ज़मीन की रक्षा अपने बलिदान से की है। अब हमें नशा, अशिक्षा और बिखराव से खुद को मुक्त करना होगा। कार्यक्रम में भान सिंह, ज्ञान सिंह, अमान सिंह, सूरज, जफर शेख, निसार खान, शैलेन्द्र मांझी, निहाल घेघट, नरेश और अजय सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
सभा के अंत में सभी ने सामूहिक संकल्प दोहराया शिक्षा हमारी ताकत है, एकता हमारी पहचान है।