भोपाल में अब जिला प्रशासन हटाएगा अतिक्रमण — तीन नायब तहसीलदारों को सौंपी गई ज़िम्मेदारी, यातायात में बाधा बने बाजार होंगे सुव्यवस्थित

भोपाल । राजधानी भोपाल में अतिक्रमण के खिलाफ अब तक केवल नगर निगम ही कार्रवाई करता था, लेकिन अब इस मोर्चे पर जिला प्रशासन ने भी मोर्चा संभाल लिया है। पहली बार राजधानी में तीन नायब तहसीलदारों को अतिक्रमण हटाने की विशेष जवाबदारी दी गई है, जिनका उद्देश्य है — शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाना और यातायात व्यवस्थित करना।
6 तहसीलों में होनी है नियुक्ति, 3 नायब तहसीलदारों को मिला प्रभार
भोपाल जिले की छह तहसीलों में से फिलहाल तीन तहसीलों में नायब तहसीलदारों को पदस्थ किया गया है:
एक अधिकारी हूजूर तहसील में
एक अधिकारी कोलार तहसील में
तीसरे अधिकारी को बैरागढ़, एमपी नगर, गोविंदपुरा, शहर और टीटी नगर तहसीलों की संयुक्त जिम्मेदारी सौंपी गई है।
बाकी तीन पदों पर जल्द नियुक्तियां होने की संभावना है।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई में आई तेजी
जिला प्रशासन द्वारा इन अधिकारियों की तैनाती के बाद से शहर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई तेज हुई है। अब हर तहसील में प्रतिदिन निरीक्षण और कार्यवाही की जा रही है। पान-चाट ठेले, अवैध खोखे, अस्थायी दुकानों को हटाया जा रहा है। मुख्य सड़कों और बाजारों में यातायात में बाधा डालने वाले अतिक्रमण चिन्हित कर हटाए जा रहे हैं।
कंडम वाहनों की जब्ती — यातायात व्यवस्था में सुधार
सड़कों पर वर्षों से खड़े जर्जर और कंडम वाहनों को भी जिला प्रशासन जब्त करवा रहा है। इन वाहनों का कोई मालिक सामने नहीं आता, लेकिन ये सड़कों को संकरी बना रहे हैं।
प्रशासन ने क्रेन की मदद से इन्हें हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी है।
अतिक्रमण स्थलों की पहचान और निगरानी शुरू
जिला प्रशासन ने अब स्थाई और अस्थायी अतिक्रमणों की पहचान के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। सभी प्रमुख सड़कों, बाजारों और सार्वजनिक स्थलों को चिन्हित किया जा रहा है। यह निगरानी आगे चलकर बार-बार अतिक्रमण रोकने के लिए स्थायी समाधान की दिशा में मदद करेगी।
संसाधनों की कमी से धीमी गति, अलग अमले की ज़रूरत
फिलहाल जिला प्रशासन नगर निगम के अमले और जेसीबी पर निर्भर है। यह एक कारण है कि कार्यवाही सीमित और धीमी गति से चल रही है। यदि जिला प्रशासन को अलग से जेसीबी, पुलिस बल और अतिक्रमण हटाने का स्टाफ मिले, तो कार्य में उल्लेखनीय गति आ सकती है।
निष्कर्ष: समन्वित कार्यप्रणाली से दिख रहा है असर
नगर निगम और जिला प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से भोपाल में अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही अब अधिक प्रभावी होती नजर आ रही है। यदि संसाधन और जवाबदेही दोनों सुनिश्चित किए जाते हैं, तो राजधानी को अतिक्रमण मुक्त और यातायात व्यवस्थित बनाने का सपना शीघ्र साकार हो सकता है।