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गोहद नगर की सड़कों पर भारी वाहनों का आतंक, हादसों का डर बढ़ा

गोहद नगर की मुख्य सड़क, जो चौराहा से मौ क्षेत्र तक जाती है, भारी वाहनों के कारण स्थानीय लोगों और स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए खतरे का सबब बन गई है। ग्राम चितोरा से गोहद चौराहा तक स्थित कई स्कूलों की गाड़ियां भारी ट्रैफिक के बीच बच्चों को स्कूल और घर तक पहुंचाती हैं। लेकिन भारी वाहनों के निरंतर आवागमन से बच्चों के जीवन पर हादसे का खतरा मंडरा रहा है।

प्रशासन की उदासीनता पर सवाल

स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि:

क्या प्रशासन भारी वाहनों के आवागमन को नजरअंदाज कर रहा है?

क्या भारी वाहनों के लिए समय निर्धारित कर उनका संचालन रोका नहीं जा सकता?

या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है?


समस्या की जड़

सुबह से शाम तक नगर की मुख्य सड़कों पर भारी लोडिंग वाहन गुजरते हैं। इन वाहनों के कारण न केवल बच्चों, बल्कि आम लोगों का जीवन भी खतरे में है। समय रहते इन वाहनों पर रोक नहीं लगाई गई, तो भविष्य में किसी बड़ी अनहोनी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

स्थानीय संगठनों की मांग

व्यवस्था परिवर्तन संस्थापक और हाईवे संघर्ष समिति भिंड के सदस्य पुखराज भटेले ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि:

भारी वाहनों के आवागमन को सीमित करने के लिए समय निर्धारित किया जाए।

नगर के बीचों-बीच से गुजरने वाले भारी वाहनों के वैकल्पिक मार्ग बनाए जाएं।

सुरक्षा के दृष्टिकोण से बच्चों और स्कूल वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

अगर प्रशासन ने जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो भविष्य में किसी भी संभावित हादसे की जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। गोहद नगर के निवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि इस गंभीर समस्या को प्राथमिकता के आधार पर हल किया जाए।

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