अलीगढ़, उत्तर प्रदेश ।।अलीगढ़ में नगर निगम की टीम द्वारा की गई एक कार्रवाई ने लोगों में भारी चिंता और विवाद खड़ा कर दिया है। नगर निगम कर्मचारियों ने टैक्स के 94,000 रुपये बकाया होने के कारण एक परिवार का मकान और संपत्ति सील कर दिया। यह घटना स्थानीय नागरिकों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है क्योंकि मकान सील किए जाने के समय उसमें दंपति और उनका 7 वर्षीय बेटा मौजूद थे। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, नगर निगम की टीम ने नोटिस या कोई चेतावनी दिए बिना यह कार्रवाई की, जिससे परिवार मानसिक और शारीरिक रूप से काफी परेशान हुआ। सील किए गए मकान के भीतर मौजूद बच्चे के लिए यह अनुभव बेहद डरावना साबित हुआ। नागरिकों का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई, जब लोगों को उचित सूचना और समय नहीं दिया गया, तो यह तानाशाही जैसी स्थिति उत्पन्न कर देती है।
वहीं, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई नियमों के तहत की गई थी और टैक्स बकाया परिवार को पहले भी नोटिस दिए जा चुके थे। हालांकि, आम जनता और स्थानीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर इस मामले को तूल मिल रहा है, लोग इसे प्रशासन की कठोरता और नागरिकों के अधिकारों की उपेक्षा के रूप में देख रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि नगर निगम को टैक्स वसूली के लिए पहले चेतावनी, समझाइश और किश्तों में भुगतान जैसी वैकल्पिक व्यवस्थाएँ अपनानी चाहिए। बिना किसी पूर्व सूचना के घर सील करना न सिर्फ परिवार के लिए संकटपूर्ण है, बल्कि प्रशासन की संवेदनशीलता पर भी सवाल उठाता है।अलीगढ़ के नागरिक अब यह मांग कर रहे हैं कि नगर निगम इस मामले में पारदर्शिता लाए और परिवार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए उचित समाधान निकाले, ताकि प्रशासन और जनता के बीच विश्वास बना रहे।
टैक्स बकाया या तानाशाही? अलीगढ़ में नगर निगम ने परिवार सहित मकान किया सील
