
वाराणसी । उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सामने आए कफ सिरप तस्करी मामले ने अब एक गंभीर आर्थिक अपराध का रूप ले लिया है। शुरुआती जांच में जिस मामले को अवैध कफ सिरप की बिक्री तक सीमित माना जा रहा था, वह अब हवाला कारोबार और शेल कंपनियों के ज़रिये काले धन के लेन-देन से जुड़ा बड़ा नेटवर्क निकलता दिख रहा है। पुलिस की ताज़ा कार्रवाई के बाद इस केस में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।
5 आरोपी गिरफ्तार, हवाला नेटवर्क का खुलासा
वाराणसी पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के दौरान सभी आरोपियों के कनेक्शन शुभम जायसवाल नामक व्यक्ति से जुड़े पाए गए हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, कफ सिरप की आड़ में चल रहा यह सिंडिकेट दरअसल हवाला के ज़रिये पैसे इधर-उधर करने का माध्यम था।
कैश और गोल्ड के ज़रिये चलता था हवाला कारोबार
जांच में सामने आया है कि हवाला का यह कारोबार नकद (कैश) और सोने (गोल्ड) के माध्यम से संचालित होता था। हवाला की रकम को शेल कंपनियों में जमा कराया जाता था। अब तक 50 से अधिक शेल कंपनियों की पहचान की गई है। पुलिस के अनुसार इन शेल कंपनियों के माध्यम से करीब 40 करोड़ रुपये के संदिग्ध ट्रांजैक्शन किए गए हैं, जिनकी वित्तीय जांच जारी है।
कोड वर्ड में होता था लेन-देन
हवाला नेटवर्क को छिपाने के लिए आरोपियों द्वारा कोड वर्ड का इस्तेमाल किया जाता था।
10 रुपये की नोट नीला-पीला जैसे शब्दों की डिकोडिंग कर हवाला की रकम और दिशा तय की जाती थी। इस कोडेड सिस्टम के ज़रिये एजेंसियों की नज़र से बचने की कोशिश की जा रही थी।
सरगना शुभम जायसवाल दुबई में?
पुलिस सूत्रों का दावा है कि इस पूरे नेटवर्क का कथित सरगना शुभम जायसवाल है, जिसकी लोकेशन दुबई बताई जा रही है। हालांकि, इस संबंध में आधिकारिक पुष्टि और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से सहयोग की प्रक्रिया अभी जारी है।
जांच जारी, ईडी की एंट्री संभव
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ED) और अन्य केंद्रीय एजेंसियों की एंट्री भी संभव मानी जा रही है। पुलिस का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद ही पूरे नेटवर्क की वास्तविक तस्वीर सामने आएगी।
निष्कर्ष:
वाराणसी कफ सिरप मामला अब सिर्फ नशीली दवाओं की तस्करी नहीं, बल्कि हवाला, शेल कंपनियों और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन वाला आर्थिक अपराध बनता जा रहा है, जिसने कानून प्रवर्तन एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है।



