भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुधार के लिए बड़े स्तर पर औचक निरीक्षण अभियान चलाया गया। सात मुख्य अभियंताओं की टीमों ने 20 नवंबर 2025 को प्रदेश के विभिन्न जिलों में 35 निर्माण कार्यों की जांच की। समीक्षा के बाद जहां लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए, वहीं उत्कृष्ट कार्यों की सराहना भी की गई।
सात दलों ने प्रदेशभर में किए 35 निर्माण कार्यों के निरीक्षण
औचक निरीक्षण सीहोर, कटनी, अशोकनगर, बड़वानी, मऊगंज, उज्जैन और दमोह जिलों में किए गए। कुल 35 कार्यों में से 21 कार्य लोक निर्माण विभाग (सड़क/पुल), 6 कार्य पीआईयू (भवन), 6 कार्य मप्र सड़क विकास निगम, 1 कार्य मप्र भवन विकास निगम और 1 कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग भोपाल के थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई समीक्षा बैठक की अध्यक्षता मप्र सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक भरत यादव (IAS) ने की। बैठक में प्रमुख अभियंता के.पी.एस. राणा, एस.आर. बघेल, तकनीकी सलाहकार आर.के. मेहरा, बी.पी. बौरासी सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
कटनी और अशोकनगर में लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई
समीक्षा में कटनी जिले की दो सड़क परियोजनाएँ भिलाई मोड़–कटायेघाट–झुरही मार्ग, कौड़िया बंधी–धूरी–खिरहनी–पिपरिया मार्ग असंतोषजनक पाई गईं। इन कार्यों में लापरवाही पर संबंधित ठेकेदारों मेसर्स सुबीर कुमार और मेसर्स अमित सिंह को ब्लैक लिस्ट करने के निर्देश जारी हुए।
अशोकनगर में शासकीय महाविद्यालय पिपरई के भवन निर्माण कार्य की अत्यधिक धीमी प्रगति पर कार्यपालन यंत्री तथा ठेकेदार मेसर्स सिद्धार्थ बिल्डर्स को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा 13 कार्यों में आंशिक सुधार के आदेश जारी हुए।
उत्कृष्ट कार्य करने वालों को मिली सराहना
सकारात्मक मामलों में मऊगंज के डूडा नाला (सेंगरी) पुल तथा दमोह के हटा–फतेहपुर–बजाना–दर्गुवा मार्ग के उच्च-स्तरीय निर्माण की विशेष प्रशंसा की गई। इन कार्यों में योगदान देने वाले अधिकारियों वसीम खान, रंजीत सिंह, जगन्नाथ तिवारी, पवन अरोरा, एम.के. पटेल तथा ठेकेदार मेसर्स आशा कंस्ट्रक्शन कंपनी रीवा और मेसर्स दिलीप बिल्डकॉन की सराहना की गई।
शिकायतों के त्वरित समाधान और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता
बैठक में निर्देश दिए गए कि निरीक्षण प्रतिवेदनों में सुझाए गए सुधारों का कड़ाई से पालन हो। साथ ही सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निराकरण, सड़क मरम्मत और यातायात सुरक्षा, जंगल सफाई, रोड मार्किंग, ब्लैक स्पॉट सुधार कार्य
को प्राथमिकता देने को कहा गया। सभी पुलों का सेफ्टी ऑडिट, वर्षा बाद आवश्यक संधारण कार्यों की त्वरित पूर्ति तथा लोकपथ ऐप में दर्ज शिकायतों का 4 दिनों में समाधान अनिवार्य किया गया।
प्रदेश में 20 नवंबर को हुआ औचक निरीक्षण: निर्माण कार्यों पर कड़ी कार्रवाई, उत्कृष्ट कार्यों की सराहना
