State

आंचलिक विज्ञान केन्द्र भोपाल में सुपरमून अवलोकन कार्यक्रम सम्पन्न, विद्यार्थियों और नागरिकों ने देखा वर्ष 2025 का अंतिम सुपरमून

भोपाल। आंचलिक विज्ञान केन्द्र, भोपाल में आयोजित सुपरमून अवलोकन कार्यक्रम ने नागरिकों, विद्यार्थियों और खगोल विज्ञान प्रेमियों को एक अद्भुत अनुभव प्रदान किया। इस मौके पर सैकड़ों प्रतिभागियों ने दूरबीनों के माध्यम से वर्ष 2025 के अंतिम सुपरमून का अवलोकन किया और वैज्ञानिकों से इसके खगोलीय रहस्यों को जाना।

भोपाल। आंचलिक विज्ञान केन्द्र, भोपाल में बुधवार को सुपरमून अवलोकन कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, नागरिकों और खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान सभी प्रतिभागियों ने सुपरमून की उज्ज्वल आभा और उसकी आकर्षक छटा का आनंद लिया।

विशेषज्ञों के अनुसार यह वर्ष 2025 का अंतिम सुपरमून था, जब चंद्रमा पृथ्वी से लगभग 3 लाख 60 हजार किलोमीटर की दूरी पर स्थित था। इस दौरान चंद्रमा सामान्य दिनों की तुलना में अधिक चमकीला और बड़ा दिखाई दिया।

कार्यक्रम का वैज्ञानिक और शैक्षिक महत्व इस वजह से और बढ़ गया क्योंकि भारत इस समय चंद्र अन्वेषण में विश्व नेतृत्व की दिशा में अग्रसर है। चंद्रयान-3 मिशन की सफलता ने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बनाया था। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद से देश के युवा और विद्यार्थी खगोल विज्ञान एवं अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति नई ऊर्जा और जिज्ञासा से भरे हैं।

आंचलिक विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को सुपरमून की वैज्ञानिक व्याख्या दी, कैसे चंद्रमा की कक्षा पृथ्वी के निकट आने पर वह सामान्य से अधिक बड़ा और उज्जवल दिखाई देता है।

कार्यक्रम के अंत में उपस्थित नागरिकों और विद्यार्थियों ने इस अद्भुत खगोलीय अनुभव को अविस्मरणीय बताया और कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं में विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान के प्रति नई प्रेरणा जगाते हैं।

Related Articles