सुल्तानपुर से बड़ी खबर, समाज में न्याय और समानता पर उठे सवाल
सुल्तानपुर (उत्तर प्रदेश)। सुल्तानपुर जिले में घटित दलितों द्वारा एक ब्राह्मण व्यक्ति की निर्मम हत्या का मामला अब गंभीर विवाद का रूप ले चुका है। बताया गया है कि मृतक ब्राह्मण उमा शंकर दुबे की पीट-पीटकर हत्या के बाद पुलिस ने न्याय दिलाने की बजाय उल्टा उनके परिवार को ही प्रताड़ित किया है। आरोप है कि थाना परिसर में मृतक के परिजन को उल्टा लटकाकर बेरहमी से पीटा गया, जिससे इलाके में आक्रोश फैल गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस परिवार ने अपना मुखिया खोया, उसके प्रति पुलिस को संवेदना दिखानी चाहिए थी, लेकिन यहां तो हत्यारोपियों को संरक्षण देकर उल्टा मृतक परिवार पर ही अत्याचार किया जा रहा है। यह घटना न केवल पुलिस की निष्पक्षता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि सामाजिक न्याय की दिशा में एक गंभीर चिंता का विषय भी बन गई है।
पीड़ित परिवार का कहना है कि वे अपने पिता के लिए न्याय मांग रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें अपराधी की तरह व्यवहार किया। सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से वायरल हो रहा है और #JusticeForUmaShankarDubey ट्रेंड कर रहा है।
समाज के बुद्धिजीवी वर्ग ने इसे “ब्राह्मण समाज के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया” बताया है। उनका कहना है कि आज के लोकतंत्र में जब हर वर्ग के अधिकारों की बात होती है, तब भी ब्राह्मण समुदाय की आवाज़ को अनसुना किया जाता है क्योंकि उनकी जनसंख्या राजनीतिक रूप से निर्णायक नहीं मानी जाती।
फिलहाल पुलिस प्रशासन मामले की जांच की बात कह रहा है, लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस देश में न्याय अब पहचान और संख्या बल पर निर्भर हो गया है?
सुल्तानपुर हत्या कांड: ब्राह्मण की हत्या के बाद पुलिस पर पक्षपात के आरोप, पीड़ित परिवार के साथ थाने में मारपीट
