भोपाल रेलवे स्टेशन पर “ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते” के तहत दो मूकबधिर नाबालिग बालकों का सफल रेस्क्यू, आरपीएफ की सराहनीय मानवीय पहल

भोपाल, ।  मध्यप्रदेश के भोपाल रेलवे स्टेशन पर एक बार फिर मानवता और सतर्कता की मिसाल कायम हुई। रेलवे सुरक्षा बल (RPF) भोपाल मंडल द्वारा चलाए जा रहे “ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते” के अंतर्गत दो मूकबधिर नाबालिग बालकों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया। यह घटना न केवल रेलवे की सुरक्षा तत्परता का प्रमाण है, बल्कि विशेष रूप से सक्षम बच्चों के प्रति भारतीय रेलवे की सामाजिक जिम्मेदारी को भी दर्शाती है।

गश्त के दौरान नजर आए डरे-सहमे बच्चे

घटना दिनांक 23 मई 2025 को उस समय सामने आई जब भोपाल स्टेशन के प्लेटफॉर्म क्रमांक-01 पर ड्यूटी पर तैनात सहायक उपनिरीक्षक राघवेंद्र सिंह ने गश्त के दौरान ट्रेन संख्या 07076 गोरखपुर-हैदराबाद एक्सप्रेस के जनरल कोच में दो नाबालिग बच्चों को भयभीत अवस्था में देखा। जब स्थानीय यात्रियों से उनके बारे में पूछताछ की गई तो कोई जानकारी नहीं मिली।

भोपाल आरपीएफ पोस्ट में मिला बच्चों को सहारा

दोनों मूकबधिर बालकों को तत्काल सुरक्षा में लेते हुए आरपीएफ पोस्ट, भोपाल लाया गया। इशारों के माध्यम से बच्चों ने अपने परिजनों से बात करने की इच्छा जताई। त्वरित कार्रवाई करते हुए आरपीएफ टीम ने उनके परिवार से संपर्क स्थापित किया। पहचान के अनुसार – प्रवीण कुमार (उम्र 14) एवं सावन कुमार (उम्र 17), झारखंड के देवघर जिले के निवासी हैं। दोनों 16 मई 2025 से लापता थे और उनके परिजनों ने थाना कुंडा व जसडीह में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी।

चिकित्सा जांच और बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुतिकरण

बालकों को जयप्रकाश नारायण अस्पताल ले जाकर प्राथमिक चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया, जिसके बाद उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया। समिति के अध्यक्ष श्री धनीराम सिंह पवार एवं सदस्यों द्वारा विचारोपरांत किशोर न्याय अधिनियम, 2015 की धारा 27 के अंतर्गत दोनों बालकों को अस्थाई संरक्षण हेतु एसओएस बालग्राम (स्पेशल) संस्था के सुपुर्द किया गया।

रेलवे की संवेदनशीलता का प्रतीक बना यह प्रयास

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने बताया कि, “ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते” के तहत किया गया यह रेस्क्यू कार्य न केवल RPF की सतर्कता और संवेदनशीलता को दर्शाता है, बल्कि यह भारतीय रेलवे द्वारा समाज के प्रत्येक वर्ग के प्रति निभाई जा रही सेवा भावना का जीवंत उदाहरण है। भविष्य में भी भोपाल मंडल ऐसे मानवीय अभियानों को प्राथमिकता देते हुए सतत रूप से संचालित करता रहेगा।

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