एमसीयू में छात्रों का आक्रोश, परीक्षा में बैठने से रोके जाने पर NSUI का प्रशासन के खिलाफ हंगामा

प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने कुलगुरु से की मुलाकात, दूषित पानी और मानसिक दबाव के मुद्दे उठे
भोपाल । माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय (MCU) में सेमेस्टर परीक्षा में शामिल होने से रोके गए छात्रों के समर्थन में एनएसयूआई ने आज जोरदार विरोध दर्ज कराया। एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविद्यालय के कुलगुरु से मुलाकात कर छात्रों से जुड़े शैक्षणिक, मानसिक और स्वास्थ्य संबंधी गंभीर मुद्दे उनके समक्ष रखे। छात्रों के बढ़ते असंतोष के चलते कुछ समय के लिए विश्वविद्यालय परिसर में हंगामे की स्थिति भी बनी रही।
छात्रों के साथ अन्याय का आरोप, कुलगुरु ने दिया निष्पक्षता का आश्वासन
प्रतिनिधिमंडल ने कुलगुरु को बताया कि कुछ छात्रों को बिना स्पष्ट कारण परीक्षा में बैठने से रोका गया, जिससे उनमें मानसिक तनाव और असंतोष बढ़ा है। छात्रों के आक्रोश को देखते हुए कुलगुरु ने स्वयं सभी पक्षों की बात सुनी और आश्वस्त किया कि किसी भी छात्र के साथ पक्षपात नहीं किया जाएगा।
कुलगुरु ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी शिक्षक द्वारा छात्रों के साथ दुर्व्यवहार, मानसिक दबाव या भय का वातावरण बनाए जाने की शिकायतें सही पाई जाती हैं, तो उनके खिलाफ गंभीर कार्रवाई की जाएगी। इस आश्वासन के बाद परिसर में स्थिति शांत हुई।
कैंटीन के दूषित पानी की रिपोर्ट सौंपकर स्वास्थ्य पर जताई चिंता
इस दौरान एनएसयूआई ने विश्वविद्यालय कैंटीन के पानी की लैब जांच रिपोर्ट भी प्रशासन को सौंपी, जिसमें पानी के प्रदूषित होने की पुष्टि हुई है। संगठन ने इसे छात्रों के स्वास्थ्य से जुड़ा गंभीर मामला बताते हुए तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की।
मानसिक दबाव बनाने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की मांग
एनएसयूआई प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे ने कहा कि ऐसे शिक्षक जो छात्रों पर अनावश्यक मानसिक दबाव बनाते हैं या डर का माहौल पैदा करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि विश्वविद्यालय में स्वस्थ, सुरक्षित और सकारात्मक शैक्षणिक वातावरण सुनिश्चित हो सके।
उन्होंने कहा कि एमसीयू में छात्रों का बढ़ता आक्रोश यह दर्शाता है कि उनके साथ कहीं न कहीं अन्याय हुआ है। कुलगुरु द्वारा निष्पक्ष जांच और समाधान का आश्वासन दिया गया है, लेकिन एनएसयूआई छात्रहित में संघर्ष और संवाद दोनों जारी रखेगी।
एनएसयूआई प्रदेश सचिव का बयान
एनएसयूआई प्रदेश सचिव अमन पठान ने कहा कि छात्रों को परीक्षा से वंचित करना, दूषित पानी की समस्या और मानसिक दबाव जैसे मुद्दे मामूली नहीं हैं। यह सीधे तौर पर छात्रों के स्वास्थ्य, सम्मान और भविष्य से जुड़े हुए हैं। संगठन हर स्तर पर छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए मजबूती से खड़ा है।
समाधान नहीं हुआ तो आंदोलन की चेतावनी
एनएसयूआई ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि छात्रों की समस्याओं का शीघ्र और संतोषजनक समाधान नहीं किया गया, तो संगठन छात्रहित में आगे की रणनीति तय करेगा और आंदोलन को और तेज किया जाएगा।



