भोपाल देहात में अवैध खनन पर पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 9 डंपर और पोकलेन जब्त,  अधिकारियों की मिलीभगत के संकेत

भोपाल।  भोपाल देहात क्षेत्र में अवैध खनन के खिलाफ पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 डंपर और एक पोकलेन मशीन जब्त की है। यह कार्रवाई इटखेड़ी थाना पुलिस द्वारा की गई, जहां वन विभाग की भूमि पर अवैध रूप से खनन किया जा रहा था।

अवैध खनन पर पुलिस की बड़ी दबिश

पुलिस को गोपनीय सूचना मिली थी कि इटखेड़ी क्षेत्र में लंबे समय से खनिज संपदा का अवैध दोहन किया जा रहा है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने तुरंत दबिश दी और मौके से भारी मात्रा में खनन सामग्री और वाहन जब्त कर लिए।  जब्त किए गए वाहनों में 9 डंपर और एक पोकलेन मशीन शामिल है, जो खनन कार्य में सक्रिय रूप से प्रयुक्त हो रहे थे।

वन भूमि पर चल रहा था अवैध खनन

कार्रवाई के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि यह पूरा खनन वन विभाग की अधिकृत भूमि पर बिना किसी वैध अनुमति के संचालित किया जा रहा था। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा था, बल्कि राजस्व हानि भी हो रही थी। क्षेत्रीय ग्रामीणों का आरोप है कि इस खनन से स्थानीय जल स्रोतों, जंगलों और कृषि भूमि को भी क्षति पहुंच रही थी।

अधिकारियों की मिलीभगत का संदेह, जांच शुरू

सूत्रों के मुताबिक, इस अवैध खनन रैकेट में कुछ जिम्मेदार अधिकारियों की मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। प्रारंभिक जांच में स्थानीय प्रशासन, खनिज विभाग और वन विभाग के कुछ कर्मचारियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। कई महीनों से यह खनन चल रहा था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जिससे सत्ताधारी संरक्षण या सांठगांठ की बू आने लगी है।  पुलिस अधीक्षक भोपाल ग्रामीण ने मामले की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है।

अवैध खनन से सरकार को करोड़ों का नुकसान

राजस्व विभाग के अनुमान के मुताबिक, इस तरह के अवैध खनन से सरकार को हर साल करोड़ों रुपए की क्षति होती है। साथ ही यह स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र और वन्यजीवों के लिए भी घातक साबित हो रहा है। यह मामला इस बात की ओर भी संकेत करता है कि अवैध खनन माफिया स्थानीय प्रशासन के संरक्षण में फल-फूल रहे हैं।
आगे क्या?

पुलिस ने सभी जब्त वाहनों को थाने में खड़ा करवा दिया है और मालिकों की पहचान व कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है।  संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही कुछ बड़े नामों का खुलासा होगा, जो इस अवैध खनन रैकेट से सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं।

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