वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन को बचाने की गुहार! वरिष्ठ कर्मचारी नेता अनिल बाजपेई ने प्रबंधन की गलत नीतियों और वित्तीय अनियमितताओं पर जताई चिंता

Bhopal । मध्यप्रदेश वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन के प्रबंधन की नीतियों और खर्चों पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं। वरिष्ठ कर्मचारी नेता एवं प्रांताध्यक्ष अनिल बाजपेई ने मुख्यमंत्री से पत्र लिखकर कार्पोरेशन को वित्तीय गर्त में जाने से बचाने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि अनियमितताओं पर रोक नहीं लगी, तो कर्मचारी आंदोलन करेंगे।

वरिष्ठ कर्मचारी नेता अनिल बाजपेई ने कहा कि वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन में वर्तमान प्रबंधन की गलत नीतियां और फिजूलखर्ची संस्थान को बर्बादी की ओर ले जा रही हैं। उन्होंने बताया कि आर.बी. एसोसिएट्स नामक संस्था को मात्र 3700 कर्मचारियों के लिए हर वर्ष 36 करोड़ रुपये का अनावश्यक भुगतान किया जा रहा है, जबकि इसकी कोई वास्तविक आवश्यकता नहीं है। इसी तरह जीएमपी कंपनी को सॉफ्टवेयर निर्माण के लिए अब तक 22 करोड़ रुपये दिए जा चुके हैं, जो पूरी तरह व्यर्थ व्यय है।

बाजपेई ने यह भी बताया कि पहले अनाज भंडारण बीमा राशि 1.75 करोड़ रुपये होती थी, जिसे अब बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है। यह निर्णय न केवल संदिग्ध है बल्कि जांच योग्य भी है।
उन्होंने आगे कहा कि वेयरहाउसिंग कार्पोरेशन और आपूर्ति निगम दोनों के पास पहले से अपने मुख्यालय मौजूद हैं, फिर भी नाप-तौल विभाग की भूमि पर नया मुख्यालय बनाने के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करने की तैयारी की जा रही है। यह कदम वित्तीय अनियमितता और फिजूलखर्ची का स्पष्ट उदाहरण है।

अनिल बाजपेई ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि इन अनावश्यक भुगतानों पर तत्काल रोक लगाई जाए, ताकि कार्पोरेशन को अन्य बंद हो चुके निगमों जैसी स्थिति से बचाया जा सके। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो वे कर्मचारी हितों की रक्षा हेतु आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

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