गिर्राज डंडौतिया सड़क हादसे के बाद एम्स में भर्ती, सिंधिया ने जाना हाल, भिंड-ग्वालियर हाईवे पर सड़क सुरक्षा सवालों के घेरे में”

भिंड-ग्वालियर हाईवे हादसे में घायल पूर्व मंत्री गिर्राज डंडौतिया से मिलने एम्स पहुँचे केंद्रीय मंत्री सिंधिया, सड़क सुरक्षा पर उठे सवाल
नई दिल्ली / शिवपुरी, । केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) का दौरा कर मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री गिर्राज डंडौतिया का हालचाल जाना। श्री. सिंधिया ने अस्पताल में चिकित्सकों की विशेष टीम से उपचार संबंधी जानकारी ली और उनके परिजनों से मुलाकात कर हर संभव सहयोग का भरोसा दिलाया। डंडौतिया जी की हालत में लगातार सुधार हो रहा है और एम्स दिल्ली में विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में इलाज जारी है।
डंडौतिया 7 मई की शाम को एक भीषण सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। यह हादसा मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के कोलारस क्षेत्र के तोरका गांव के पास हुआ, जब वह एक शादी समारोह से लौट रहे थे। उनकी गाड़ी को तेज रफ्तार बस ने नेशनल हाईवे पर टक्कर मार दी, जिससे उन्हें सिर और शरीर के कई हिस्सों में गहरी चोटें आईं। इस दुर्घटना में उनके निजी सहायक को भी गंभीर चोटें आई हैं।
इस घटना ने एक बार फिर भिंड-ग्वालियर हाईवे को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह सड़क अब “खूनी हाईवे” के रूप में कुख्यात होती जा रही है, जहां हर दिन सड़क हादसों में कई निर्दोष लोगों की जानें जा रही हैं।
भिंड-ग्वालियर हाईवे पर सड़कों की हालत और स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे तीखे सवाल
व्यवस्था परिवर्तन संगठन के संस्थापक पुखराज भटेले ने सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता जताते हुए कहा कि “भिंड-ग्वालियर हाईवे पर गरीब और सामान्य नागरिक सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। यहां एक्सीडेंट के बाद घायलों को नजदीकी अस्पतालों में समुचित इलाज नहीं मिल पाता और अक्सर उन्हें ग्वालियर रेफर कर दिया जाता है, जहां पहुंचने से पहले ही कई लोग दम तोड़ देते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि “केंद्रीय मंत्री होते हुए भी सिंधिया जी भिंड-ग्वालियर हाईवे को सिक्स लेन में तब्दील नहीं करवा पाए हैं। जिस तरह वे अपने करीबी लोगों के लिए चिंता जताते हैं, उसी संवेदनशीलता की जरूरत उन आम गरीब परिवारों के लिए भी है, जो हर चुनाव में झंडा उठाते हैं और वोट देते हैं।”
पुखराज भटेले ने सुझाव दिया कि यदि केंद्रीय मंत्री इस जनहित के मुद्दे पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहे, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देकर पीड़ित परिवारों के समर्थन में काम करना चाहिए।
निष्कर्ष:
भिंड-ग्वालियर हाईवे पर बार-बार होने वाली दुर्घटनाएं एक गंभीर सड़क सुरक्षा संकट की ओर इशारा कर रही हैं। पूर्व मंत्री गिर्राज डंडौतिया की सड़क दुर्घटना ने इस समस्या को एक बार फिर राजनीतिक और सामाजिक विमर्श के केंद्र में ला खड़ा किया है। ज़रूरत है कि इस हाईवे को सुरक्षित और आधुनिक बनाया जाए, ताकि आम जनता की जान की कीमत सुरक्षित रह सके।