
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और संजय नेशनल पार्क से जोड़ा जाएगा सरसी आईलैंड
बाणसागर डैम में जल पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री ने सरसी पर्यटन केंद्र एवं रिसॉर्ट का किया लोकार्पण
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि राज्य पर्यटन विविधताओं से भरपूर है। सरसी आईलैंड की सुंदरता गोवा और अंडमान-निकोबार की याद दिलाती है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश का पर्यटन वैश्विक स्तर पर आकर्षण का केंद्र बन रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में राज्य लगातार विकास के पथ पर अग्रसर है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरसी आईलैंड को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व और संजय नेशनल पार्क से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा बाणसागर डैम में जल पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। यह पहल राज्य के पर्यटन को नई पहचान देगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव शहडोल जिले में बाणसागर डैम पर स्थित सरसी आईलैंड के लोकार्पण समारोह में बोल रहे थे।
सरसी आईलैंड: 29 करोड़ की लागत से विकसित पर्यटन केंद्र
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम ने 29 करोड़ रुपये की लागत से सरसी आईलैंड को विकसित किया है। 5 हेक्टेयर में फैले इस टापू पर पर्यटकों के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं तैयार की गई हैं।
मुख्य पर्यटन सुविधाएं:
आवासीय सुविधाएं: 10 आवासीय कक्ष, रेस्टोरेंट और कॉन्फ्रेंस हॉल।
खेल सुविधाएं: बैडमिंटन, टेबल टेनिस, साइक्लिंग, सैंड वॉलीबॉल और बच्चों के लिए प्ले एरिया।
जल पर्यटन: वोट क्लब, स्पीड वोट्स, जेट स्की और मिनी क्रूज।
इको-फ्रेंडली विकास: 40 किलोवाट का सोलर सिस्टम और लैंडस्केप गार्डन।
सरसी आईलैंड को मार्कंडेय घाट (मैहर) और इटमा घाट (उमरिया) से जोड़ा गया है।
मुख्यमंत्री ने कलाकारों को सम्मानित किया
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने विंध्य क्षेत्र की बाल कलाकार मान्या पांडे से मुलाकात कर उन्हें 51 हजार रुपये के पुरस्कार की घोषणा की। साथ ही जनजातीय लोक कलाकारों के साथ झांझ-करतल बजाकर सांस्कृतिक संगम में शामिल हुए। उन्होंने संगीत मंडलियों के सभी सदस्यों को 5-5 हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।
जल पर्यटन और सरसी आईलैंड का अवलोकन
मुख्यमंत्री ने सरसी आईलैंड में नौका-विहार किया और पर्यटन विकास निगम की पहल की सराहना की। उन्होंने आईलैंड पर केंद्रित लघु फिल्म देखी और ब्रोशर का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री का विजन: पर्यटन से रोजगार और विकास
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरसी आईलैंड के विकास से स्थानीय रोजगार को बढ़ावा मिलेगा और प्रदेश का पर्यटन राजस्व बढ़ेगा। यह पहल विकास और जनकल्याण पर्व के तहत की जा रही नई शुरुआतों का हिस्सा है।





