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श्रद्धालय’ के रूप में स्‍थापित हो चुका है सप्रे संग्रहालय : आचार्य डहेरिया

विश्व संग्रहालय दिवस पर सप्रे संग्रहालय में प्रदर्शनी एवं सम्मान समारोह का आयोजन
भोपाल। अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस के अवसर पर शनिवार, 18 मई को ज्ञानतीर्थ सप्रे संग्रहालय में दुर्लभ सामग्रियों की प्रदर्शनी के साथ सम्मान समारोह का आयोजन भी किया गया। समारोह में प्रदेश के 11 प्रतिभावान पत्रकार विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि अटलबिहारी वाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य खेमसिंह डहेरिया थे। जबकि अध्‍यक्षता इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के निदेशक आचार्य अमिताभ पाण्डेय ने की। विशिष्‍ट अतिथि के रूप में राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक आचार्य चन्द्र चारु त्रिपाठी उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्‍य अतिथि आचार्य डहेरिया ने कहा कि आज सूचनाओं के तमाम माध्‍यम है, लेकिन इन सब के बीच समाचारपत्र की विश्‍वसनीयता आज भी कायम है। हम किसी और माध्‍यम में पढी या देखी गई खबरों का सत्‍यापन भी समाचारपत्र के माध्‍यम से करते हैं। उन्‍होंने सप्रे संग्रहालय को श्रद्धालय की संज्ञा भी दी। आचार्य डहेरिया ने अपने उद्बोधन में सप्रे जी का स्‍मरण करते हुए कहा कि चीजों को सहेजना और लोगों को जोडने का गुण उनमें था। देशभक्ति का जज्‍बा हम उनसे सीख सकते हैं, कि उन्‍होंने अंग्रेज सरकार द्वारा दी गई नौकरी को देश की खातिर त्‍याग दिया। अध्‍यक्षीय उद्बोधन में डा. अमिताभ पाण्‍डेय ने कहा कि जब आज सोशल मीडिया के दौर में मनुष्‍य एकाकी होता जा रहा है ऐसे समय में संग्रहालयों की महत्‍ता बढी है। शिक्षा और शोध के क्षेत्र में ये संग्रहालय बहुत उपयोगी होते हैं, इसका जीता-जागता प्रमाण स्‍वयं सप्रे संग्रहालय है। यहां से एक हजार से ज्‍यादा शोधार्थियों ने अपना शोध कार्य पूरा किया है। उन्‍होंने कहा कि भोपाल संग्रहालयों का शहर है। यहां पर पन्‍द्रह संग्रहालय है। हर संग्रहालय का अपना वैशिष्‍ट्य है।  विशिष्‍ट अतिथि डा. चारू चन्‍द्र त्रिपाठी ने भी मुद्रित माध्‍यम का महत्‍व बताते हुए कहा कि हमें यदि विस्‍तार से खबरे चाहिए तो उसकी जरूरत केवल प्रिंट मीडिया ही पूरी कर सकता है। आम आदमी के दिनचर्या की शुरुआत भी समाचारपत्र से होती है। सम्‍मानित पत्रकारों की ओर से प्रतिउत्‍तर में वरिष्‍ठ पत्रकार कीर्ति राणा ने कहा कि जिस तरह तीर्थ स्‍थलों पर जाकर हमें धार्मिक शान्ति मिलती है उसी तरह सप्रे संग्रहालय आकर‍ बौद्धिक शान्ति मिलती है। हमें सम्‍मानित करकर सप्रे संग्रहालय ने हमारी जिम्‍मेदारियों को और बढाया है, हमारा यही प्रयास होगा कि हम समाज की अपेक्षा पर खरे उतर सकें। आरंभ में स्‍वागत वक्‍तव्‍य देते हुए सप्रे संग्रहालय के संस्थापक संयोजक विजयदत्त श्रीधर ने कहा कि ऐसे व्‍यक्तित्‍व जिनका समाज के लिए उल्‍लेखनीय योगदान है उनके कृतित्‍व का सम्‍मान होना चाहिए। पत्रकारिता की इन 11 विभूतियों को सम्‍मानित करने के पीछे हमारी भी यही मंशा है। इस तरह से हम इनके कार्यों को लोकमान्‍यता दिलाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्‍होंने बताया कि 5 करोड पृष्‍ठों की सामग्री है। इस संग्रहालय ने देश में इतनी विश्‍वसनीयता अर्जित की है कि आज देश के कई परिवार अपने बुजुर्गों  की धरोहर बिना किसी हिचक के सौंप जाते है। यह सब आप लोगों के स्‍नेह और  विश्‍वास से ही संभव हो पाया है। इस अवसर पर प्रसिद्ध स्‍वतंत्रता सेनानी श्री ज्‍वालाप्रसाद ‘कृषक’ समनापूरवालों की धरोहर एडवोकेट बुधराज सिंह झारिया, नरसिंहपुर ने संग्रहालय को भेंट की। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार ममता यादव ने किया। कार्यक्रम में शहर के साहित्‍यकार, पत्रकार व अन्‍य प्रबुद्ध जन बडी संख्‍या में उपस्थित थे।
संजोयी गई दुर्लभ सामग्री
इस अवसर पर संग्रहालय में दुर्लभ सामग्रियों की प्रदर्शनी भी लगाई गई है। इनमें हस्तलिखित पाण्डुलिपियों, दुर्लभ पोथियों, इतिहास के गवाह समाचार पत्रों, बर्रू समेत भांति-भांति की लेखनियों और दवातों, स्मारक डाक टिकटों और प्रथम दिवस आवरणों, रेडियो, ग्रामोफ ोन और कैमरों तथा सिक्कों और करेंसी नोटों की प्रदर्शनी आदि संजोए गए हैं। इनका अवलोकन भी अतिथियों के साथ उपस्थित जनों ने किया। इसका अवलोकन रविवार, 19 मई तक किया जा सकता है।
बॉक्स- इनका हुआ सम्मान
समारोह में इंदौर के प्रखर पत्रकार  कीर्ति राणा को हुक्मचंद नारद सम्मान तथा माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के प्राध्यापक डा. संजीव गुप्ता को मीडिया शिक्षा सम्मान प्रदान किया जाएगा। अपर संचालक जनसंपर्क  जीएस वाधवा को संतोष कुमार शुक्ल पुरस्कार, पत्रिका के स्थानीय संपादक महेन्द्र प्रताप सिंह को माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार, नवदुनिया के संपादक  संजय मिश्र को लाल बलदेव सिंह पुरस्कार से सम्मानित किए जाएंगे। दैनिक भास्कर के वरिष्ठ संवाददाता भीमसिंह मीणा को जगत पाठक पुरस्कार, मंदसौर के वरिष्ठ पत्रकार डा. घनश्याम बटवाल को रामेश्वर गुरु पुरस्कार,  पल्लवी वाघेला वरिष्ठ संवाददाता पीपुल्स समाचार को जगदीश प्रसाद चतुर्वेदी पुरस्कार, बंसल न्यूज की वरिष्ठ संवाददाता रंजना दुबे को झाबरमल्ल शर्मा पुरस्कार,  अजीत द्विवेदी वरिष्ठ संवाददाता राज एक्सप्रेस को सुरेश खरे पुरस्कार तथा हरिभूमि के  फोटो जर्नलिस्ट राकेश सैनी को होमी ब्यारावाला पुरस्कार से विभूषित किया गया। सम्‍मान के तहत शॉल, प्रशस्ति पत्र और कलम प्रदान किया गया है।

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