
शिमला (हिमाचल प्रदेश)। हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के संजौली क्षेत्र में लंबे समय से चल रहे मस्जिद विवाद पर अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने पूरे ढांचे को अवैध निर्माण घोषित करते हुए मस्जिद को पूरी तरह ढहाने का आदेश दिया है। पहले अदालत ने केवल दो मंजिलों को गिराने का निर्देश दिया था, लेकिन बाद में की गई जांच में यह सामने आया कि पूरा निर्माण अवैध भूमि पर किया गया है।
जानकारी के अनुसार मुस्लिम पक्ष ने पहले के आदेश के खिलाफ उच्च अदालत में अपील दायर की थी। इस अपील के दौरान राजस्व रिकॉर्ड और दस्तावेजों की जांच में खुलासा हुआ कि मस्जिद जिस जमीन पर बनी है, वह सरकारी भूमि (गैर-मुमकिन खालसा) की श्रेणी में आती है। इस खुलासे के बाद अदालत ने स्पष्ट आदेश जारी करते हुए कहा कि पूरा ढांचा ध्वस्त किया जाए, क्योंकि यह भूमि किसी धार्मिक या निजी उपयोग के लिए वैध रूप से आवंटित नहीं की गई थी।
संजौली मस्जिद विवाद कई महीनों से स्थानीय प्रशासन और धार्मिक समुदायों के बीच तनाव का कारण बना हुआ था। अदालत के इस निर्णय के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और शांति व्यवस्था बनाए रखने के निर्देश जारी किए गए हैं।
स्थानीय लोगों ने अदालत के इस फैसले का स्वागत किया है और कहा कि कानून से ऊपर कोई नहीं। वहीं, मुस्लिम पक्ष के कुछ प्रतिनिधियों ने कहा कि वे इस फैसले की समीक्षा के लिए उच्च न्यायालय में जाने पर विचार करेंगे।



