संघ स्वयंसेवक की सूझबूझ और सीपीआर से बची बुजुर्ग की जान

बस यात्रा के दौरान धीरज सिंह चौहान ने दिखाई त्वरित प्रतिक्रिया, स्वास्थ्य सजगता बनी उदाहरण

भोपाल। मानवता और जागरूकता का अद्भुत उदाहरण इंदौर से भोपाल जा रही एक चार्टर बस में देखने को मिला, जब यात्रा के दौरान एक बुजुर्ग यात्री को अचानक हार्ट अटैक आ गया। इस आपात स्थिति में बस में मौजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सीधी नगर कार्यवाह धीरज सिंह चौहान की सूझबूझ और तत्परता ने उस बुजुर्ग यात्री की जान बचा ली।

जानकारी के अनुसार, दोपहर करीब 2 बजे सोनकच्छ के पास बस में बैठे 67 वर्षीय यात्री की अचानक सांसें रुक गईं और हृदय की गति थम गई। तभी समीप बैठे धीरज सिंह चौहान ने तत्काल स्थिति को समझते हुए उन्हें सीपीआर (Cardio Pulmonary Resuscitation) देना शुरू किया। उन्होंने जोर से आवाज लगाई कि बस में कोई डॉक्टर मौजूद हैं क्या? तभी डॉ. नीरज पाटीदार और उनके सहयोगी चिकित्सक आगे आए और मिलकर लगातार चार से पाँच मिनट तक सीपीआर और प्राथमिक उपचार दिया।

सभी के संयुक्त प्रयास से कुछ ही क्षणों में बुजुर्ग व्यक्ति की सांसें लौट आईं। इस दौरान बस चालक ने भी सूझबूझ दिखाते हुए वाहन को तुरंत सोनकच्छ के श्याम हॉस्पिटल की ओर मोड़ दिया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद मरीज को इंदौर के एक निजी अस्पताल में रेफर किया गया, जहां उनकी स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।

चिकित्सकों के अनुसार, हृदयाघात की स्थिति में यदि पहले 3 से 5 मिनट के भीतर सीपीआर दिया जाए, तो मृत्यु की संभावना 70% तक घटाई जा सकती है। धीरज सिंह चौहान की इस स्वास्थ्य सजगता और मानवता-पूर्ण तत्परता ने न केवल एक जीवन बचाया, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि सीपीआर जैसी जीवनरक्षक तकनीक हर व्यक्ति को सीखनी चाहिए।

यह घटना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों की सेवा भावना, अनुशासन और समाज के प्रति सजगता की प्रतीक बन गई है। सच कहा जाए तो यदि हर नागरिक को प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण मिल जाए, तो अनेक घरों के दीपक बुझने से बच सकते हैं।

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