
भोपाल: राजधानी के शिवाजी नगर स्थित आयुर्वेदिक जिला अस्पताल के पास 25 वर्षों से संचालित स्मृति सांची पार्लर को नगर निगम ने अन्य अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान बगैर नोटिस या सूचना के तोड़ दिया। इस कार्रवाई से पार्लर संचालक परिवार की आजीविका छिन गई है।
न्यायालय के आदेश की अवहेलना
सांची पार्लर संचालकों, आरविंद आशु नारद और उमेश कुमार नारद, ने बताया कि पार्लर को नगर निगम और दुग्ध संघ से विधिवत अनुमति प्राप्त थी। साथ ही, 30 जुलाई 2004 को माननीय न्यायालय द्वारा स्थायी निषेधाज्ञा जारी की गई थी, जिसमें स्पष्ट निर्देश था कि पार्लर को बेदखल नहीं किया जाएगा। बावजूद इसके, नगर निगम ने न्यायालय के आदेश की अवमानना करते हुए पार्लर को हटा दिया।
परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट
पार्लर के हटाए जाने से संचालक परिवार के लिए आजीविका का संकट खड़ा हो गया है। परिवार का कहना है कि वे लगातार जिला आयुर्वेद चिकित्सालय, नगर निगम आयुक्त, भोपाल कलेक्टर, और दुग्ध संघ के अधिकारियों के पास न्याय के लिए ज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही।
अनशन की चेतावनी
अधिकारियों की अनदेखी से परेशान परिवार ने अब मुख्यमंत्री निवास के सामने आमरण अनशन करने की चेतावनी दी है। उनकी मांग है कि पार्लर को उसी स्थान पर हर्जाने सहित पुनः स्थापित किया जाए।
परिवार की अपील
संचालकों ने न्यायालय के आदेश की प्रति अधिकारियों को दिखाते हुए कहा कि पार्लर उनके परिवार की आय का एकमात्र स्रोत था। न्याय पाने के लिए अब वे अंतिम कदम उठाने को मजबूर हैं।



