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एमपी में बढ़ेंगे विधायकों के वेतन-भत्ते, 9 साल बाद समिति सक्रिय — शीतकालीन सत्र में आ सकता है संशोधन विधेयक

भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के विधायकों और मंत्रियों के वेतन एवं भत्तों में बढ़ोतरी की तैयारी शुरू हो गई है। करीब 9 साल बाद इस विषय पर विचार के लिए विशेष समिति का गठन किया गया है, जो आने वाले दिनों में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगी। सूत्रों के अनुसार, समिति की बैठक आगामी 11 नवंबर को भोपाल में आयोजित की जाएगी, जिसमें विधायकों के वेतन, यात्रा भत्ता, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता और अन्य सुविधाओं में संशोधन पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

जानकारी के मुताबिक वर्तमान में मध्यप्रदेश के विधायकों का वेतन ढांचा 2016 में संशोधित किया गया था। तब से अब तक महंगाई और जीवन-यापन खर्च में काफी वृद्धि हो चुकी है, जिसके चलते विधायकों ने अपने वेतन और भत्तों में समुचित वृद्धि की मांग उठाई थी। इस मांग के मद्देनज़र विधानसभा सचिवालय द्वारा वेतन भत्ता पुनरीक्षण समिति का गठन किया गया है।

संभावना जताई जा रही है कि समिति की रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के बाद आगामी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में “विधायक वेतन भत्ता संशोधन विधेयक” पेश किया जा सकता है। यदि यह विधेयक पारित होता है, तो मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद के सदस्य, विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभी विधायकों को इसका लाभ मिलेगा।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह निर्णय राज्य में विधानसभा की साख और जनप्रतिनिधियों की कार्यकुशलता से जुड़ा एक संवेदनशील विषय है, जिस पर जनता और मीडिया की नजर भी टिकी रहेगी। अब देखना यह होगा कि समिति की सिफारिशों में कितना इजाफा प्रस्तावित किया जाता है और विधानसभा सत्र में इसे किस स्वरूप में मंजूरी मिलती है।

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