
राजस्थान के भीलवाड़ा ज़िले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहाँ एक पिता ने अपनी जीवित बेटी को ‘मृत’ घोषित कर दिया, अख़बार में शोक संदेश छपवाया और घर पर शोक सभा भी आयोजित की।
कुछ समय पहले पिता ने बेटी की शादी कराई थी। शादी के बाद, बेटी अपने पति के एक रिश्तेदार के संपर्क में आई। दोनों के बीच प्रेम संबंध बनने पर, बेटी ने पति को छोड़कर प्रेमी से विवाह कर लिया।
पिता की प्रतिक्रिया
इस घटना से नाराज़ पिता ने बेटी से संबंध तोड़ते हुए उसे “जीवित रहते मृत” मान लिया और प्रतीकात्मक रूप से उसकी मृत्यु की घोषणा कर दी।
सामाजिक दृष्टिकोण
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कदम पारंपरिक मान्यताओं और सामाजिक प्रतिष्ठा के दबाव में उठाया गया है। ऐसे मामलों में परिवार और समाज के बीच संवाद की कमी, विवाद को और बढ़ा देती है।




