रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का वाराणसी दौरा : रेलवे स्टेशनों के समेकित विकास और बरेका में गुणवत्ता पर जोर

वाराणसी / भोपाल। केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वाराणसी में रेलवे के बुनियादी ढांचे और लोको निर्माण की गुणवत्ता की समीक्षा करते हुए कहा कि लोको निर्माण में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए, बरेका की पहचान उच्च गुणवत्ता और नवाचार से बनी रहनी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में निर्मित चार नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाने के बाद श्री वैष्णव ने वाराणसी के काशी रेलवे स्टेशन, वाराणसी कैंट स्टेशन और बनारस स्टेशन का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वाराणसी के इन प्रमुख स्टेशनों से वर्तमान में लगभग 150 रेलगाड़ियों का आवागमन होता है। इसे बढ़ाकर 400 से 500 रेलगाड़ियों तक करने के लिए रेलवे द्वारा एक समेकित मास्टर प्लान पर तेजी से कार्य किया जा रहा है। रेल मंत्री ने कहा कि यह मास्टर प्लान वाराणसी को देश के प्रमुख रेल हब के रूप में विकसित करेगा, जिससे यात्रियों को अत्याधुनिक सुविधाएँ मिलेंगी और माल परिवहन की क्षमता भी कई गुना बढ़ेगी।
बरेका में निरीक्षण और कर्मचारियों से संवाद
वाराणसी दौरे के दौरान श्री वैष्णव ने बनारस रेल इंजन कारखाना (बरेका) का भी निरीक्षण किया। उन्होंने लोको फ्रेम शॉप, असेम्बली शॉप और टेस्ट शॉप का दौरा करते हुए उत्पादन प्रक्रिया से जुड़ी तकनीकी जानकारियाँ लीं। निरीक्षण के दौरान उन्होंने महिला कर्मचारियों से विशेष रूप से संवाद किया और उनके योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि बरेका भारतीय रेल की तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, जहाँ आधुनिक तकनीक और नवाचार का उत्कृष्ट समावेश दिखाई देता है।
रेल मंत्री ने कर्मचारियों से उत्पादन क्षमता, स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और सामग्री प्रबंधन प्रणाली में सुधार के सुझाव भी मांगे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कर्मचारी “देश की प्रगति के इंजन” का अहम हिस्सा है और सभी को मिलकर मेक इन इंडिया के लक्ष्य को और सशक्त बनाना है।
श्री वैष्णव ने बरेका की उत्पादन गुणवत्ता, स्वच्छता व्यवस्था और तकनीकी नवाचार की सराहना करते हुए अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई दी और कहा कि भारतीय रेल केवल यात्रा का साधन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की रफ्तार है। हमारा लक्ष्य है, नवाचार, गुणवत्ता और सेवा के माध्यम से भारत को नई दिशा देना।



