भोपाल । मध्यप्रदेश में शासकीय कर्मचारियों से जुड़े महत्वपूर्ण निर्णयों को लेकर एक बार फिर असंतोष उभरकर सामने आया है। मंत्रालय सेवा अधिकारी/कर्मचारी संघ ने मंत्री परिषद की बैठक दिनांक 16 दिसंबर 2025 के निर्णयों के पालन में वित्त विभाग द्वारा जारी परिपत्र दिनांक 22 दिसंबर 2025 पर गंभीर आपत्तियाँ दर्ज कराई हैं। संघ का कहना है कि यह परिपत्र कई संवर्गों के भविष्य को असुरक्षित करता है और इसमें कर्मचारी हितों की उपेक्षा की गई है।
डाइंग काडर घोषित संवर्गों को लेकर असंतोष
वित्त विभाग के परिपत्र के अनुसार कार्यभारित आकस्मिकता निधि कर्मचारी एवं स्थायीकर्मी संवर्गों को डाइंग काडर घोषित किया गया है। संघ का मत है कि यदि सरकार पहले इन संवर्गों में वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित कर देती और उसके बाद डाइंग काडर घोषित करती, तो यह वास्तव में एक कर्मचारी हितैषी निर्णय होता।
अनुकंपा नियुक्ति पर व्यावहारिक संकट
परिपत्र में मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को नियमित पद पर अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया गया है, लेकिन संघ के अनुसार यह प्रावधान व्यवहारिक नहीं है। विगत एक दशक से पदोन्नतियाँ बंद होने के कारण निचले पद रिक्त नहीं हो रहे हैं, जिससे अनुकंपा नियुक्ति मिलना लगभग असंभव हो गया है। संघ ने मांग की है कि सांख्येतर पदों पर अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान किया जाए।
आउटसोर्स व्यवस्था पर आशंका
परिपत्र की कंडिका 2.7 के तहत मार्च 2027 के बाद भी आउटसोर्स पद जारी रहने की स्थिति में नियमित पद समाप्त करने का प्रावधान रखा गया है। संघ को आशंका है कि इसका दुरुपयोग कर नियमित पद समाप्त कर आउटसोर्स भर्ती को बढ़ावा दिया जा सकता है।
अतिथि एवं संविदा कर्मियों के भविष्य पर मौन
कंडिका 2.10 में अतिथि शिक्षक, अतिथि विद्वान, आशा-ऊषा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रोजगार सहायक एवं होमगार्ड का उल्लेख तो है, लेकिन उनके भविष्य को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं दी गई। संघ का कहना है कि इन कर्मचारियों की दीर्घ सेवा को देखते हुए या तो उन्हें नियमित किया जाए या कम से कम नौकरी सुरक्षा की गारंटी सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग
मंत्रालय सेवा अधिकारी/कर्मचारी संघ ने माननीय मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि उपरोक्त सभी बिंदुओं पर पुनर्विचार कर कर्मचारी हित में न्यायसंगत निर्णय लिए जाएँ, ताकि हजारों परिवारों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
कर्मचारी हितों पर सवाल: वित्त विभाग के परिपत्र को लेकर मंत्रालय सेवा अधिकारी/कर्मचारी संघ की आपत्तियाँ
