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ऋषिकेश से आगरा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए चार युवकों को लेकर सवाल तेज,  परिवार से मिलने नहीं दिया जा रहा

गिरफ्तारी के बाद गोपनीयता पर उठ रहे सवाल, परिजनों ने पारदर्शिता की मांग की

कल रात दक्ष चौधरी, अक्कू पंडित, दुर्योधन राणा और युवी राणा को आगरा पुलिस ने उत्तराखंड के ऋषिकेश से हिरासत में लिया। गिरफ्तारी के बाद से उनके परिवार और परिचितों को उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी जा रही है। इस स्थिति ने आसपास के लोगों और सोशल मीडिया पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।

परिवारों का सवाल: आखिर मिलने क्यों नहीं दिया जा रहा?

परिवारों का कहना है कि पुलिस ने अभी तक गिरफ्तारी का कारण स्पष्ट नहीं बताया है।
न ही FIR की कॉपी उपलब्ध करवाई गई है और न ही यह बताया जा रहा है कि चारों को किस धाराओं में गिरफ्तार किया गया है। लोगों के बीच यह प्रश्न भी उठने लगा है कि यदि मामला सामान्य है, तो मुलाक़ात और कानूनी सहायता देने में इतनी पाबंदी क्यों लगाई जा रही है।

धार्मिक स्थल पर शराब बंद करवाने का दावा

स्थानीय लोगों का कहना है कि धार्मिक स्थल पर शराब व अवैध गतिविधियों को रोका जाना सरकार और प्रशासन का कार्य था।
यदि इन युवकों ने इसमें कोई सक्रिय भूमिका निभाई, तो भी कानून उन्हें परिवार, वकील और न्यायिक प्रक्रिया का अधिकार देता है।
यदि कोई गलती हुई है, तो भी न्यायिक प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए।

क्या यह कोई बड़ा मामला?

कुछ लोगों में आशंका है कि पुलिस किसी गंभीर जांच में लगी हो सकती है, जिस कारण मुलाक़ात रोकी गई है। लेकिन अभी तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, जिससे भ्रम और बढ़ गया है।

कानूनी रूप से, हर आरोपी को अधिकार मिलता है ।।भारतीय कानून के अनुसार  गिरफ्तारी के बाद परिवार को सूचना देना अनिवार्य है। आरोपी को वकील से मिलने का अधिकार है (CrPC 41D)। पुलिस को गिरफ्तारी का कारण बताना जरूरी है। यदि इनमें से किसी अधिकार का पालन नहीं हुआ है, तो परिवार हाईकोर्ट में हैबियस कॉर्पस याचिका भी दायर कर सकता है।

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