उत्तराखंड के चमोली में पीडब्ल्यूडी का 2.80 करोड़ का पुल नदी में ढहा, निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल

वैली ब्रिज ढहने से क्षेत्र में मचा हड़कंप, दो महीने पहले शुरू हुआ था निर्माण कार्य

चमोली (उत्तराखंड)। उत्तराखंड के चमोली जिले में लोक निर्माण विभाग (PWD) द्वारा निर्मित एक 60 मीटर लंबा वैली ब्रिज उस समय नदी में ढह गया जब निर्माण श्रमिकों ने उसका सपोर्ट हटाया। यह पुल ₹2.80 करोड़ की लागत से बन रहा था और अभी निर्माणाधीन ही था। घटना ने निर्माण गुणवत्ता और सरकारी तंत्र की निगरानी व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।

दो महीने पहले शुरू हुआ था निर्माण कार्य

जानकारी के अनुसार, इस ब्रिज का निर्माण कार्य लगभग दो महीने पहले ही शुरू किया गया था। यह पुल स्थानीय गांवों को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण संपर्क मार्ग माना जा रहा था। लेकिन जैसे ही मजदूरों ने सपोर्टिंग स्ट्रक्चर और वर्थ (लोहे के सहारे) हटाए, पूरा पुल धड़ाम से नदी में जा गिरा।

निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल

स्थानीय लोगों और विशेषज्ञों का कहना है कि निर्माण में गंभीर लापरवाही हुई है। एक ऐसा पुल जो अभी पूरी तरह से तैयार भी नहीं हुआ था, उसका यूं अचानक ढह जाना ये दर्शाता है कि या तो डिजाइन में खामी थी, या फिर घटिया सामग्री का उपयोग हुआ।
स्थानीय ग्रामीणों में रोष

पुल के गिरने के बाद स्थानीय ग्रामीणों में भारी नाराज़गी है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार द्वारा करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद जनहित की परियोजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। ग्रामीणों ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

प्रशासन का जवाब

घटना की जानकारी मिलने के बाद जिला प्रशासन और PWD के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। विभाग ने प्रारंभिक जांच के आदेश दे दिए हैं और जिम्मेदार अधिकारियों/कॉन्ट्रैक्टर की जवाबदेही तय करने की बात कही है।

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